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This Article is From Mar 22, 2023

छत्तीसगढ़ विधानसभा में पत्रकार सुरक्षा विधेयक 2023 पास, विपक्ष ने कहा- सिर्फ सत्तापोषित पत्रकारों को लाभ

छत्तीसगढ़ देश का ऐसा दूसरा राज्य बन गया जहां पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होगा. इसके पहले महाराष्ट्र में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू हो चुका है

छत्तीसगढ़ विधानसभा में पत्रकार सुरक्षा विधेयक 2023 पास, विपक्ष ने कहा- सिर्फ सत्तापोषित पत्रकारों को लाभ
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, पत्रकार सुरक्षा कानून देश में नजीर बनेगा.
रायपुर:

छत्तीसगढ़ विधानसभा में छत्तीसगढ़ मीडियाकर्मी सुरक्षा विधेयक, 2023 सर्वसम्मति से पारित हो गया. विधेयक पारित होने के बाद छत्तीसगढ़ देश का ऐसा दूसरा राज्य बन गया जहां पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होगा. इसके पहले महाराष्ट्र में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू हो चुका है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में विधेयक पर कहा कि, पत्रकार सुरक्षा कानून की लंबे समय से मांग की जा रही थी. मौजूदा दौर में पत्रकारिता की जो स्थिति बनी है, उस पर सुरक्षा प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी हो जाती है. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ देश का दूसरा राज्य है, जहां पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि यह कानून देश में नजीर बनेगा, स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा.

मुख्यमंत्री बघेल ने विधेयक के खंडों पर चर्चा करते हुए कहा कि साल 2019 में जस्टिस आफताफ आलम की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया था. समिति के सदस्यों ने अलग-अलग मीडिया संस्थानों और मीडियाकर्मियों से सुझाव लिए. बस्तर, अंबिकापुर और रायपुर में भी पत्रकारों के बीच जाकर चर्चा हुई. दिल्ली में एडिटर गिल्ड से कानून के बारे में सुझाव मांगे गए. इतना ही नहीं, ऑनलाइन सुझाव भी लिए गए. 

उन्होंने बताया कि तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद इस विधेयक के प्रारूप को अंतिम रूप दिया गया. उन्होंने पत्रकारों के साथ-साथ समिति के सदस्यों का भी धन्यवाद दिया.


पत्रकार सुरक्षा कानून पर सदन में तकरार

विधानसभा में छत्तीसगढ़ मीडियाकर्मी सुरक्षा विधेयक, 2023 को लेकर विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर बहस हुई. विपक्ष ने विधेयक का समर्थन करते हुए सुझाव दिया कि इसके प्रावधानों पर पुनर्विचार किया जा सकता है, इसलिए इसे प्रवर समिति को भेजा जाए. सत्ता पक्ष ने इसका विरोध किया. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि जस्टिस की अध्यक्षता में समिति बनाई गई थी, मगर रिपोर्ट का अधिकांश हिस्सा विलोपित कर दिया गया, इसलिए रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी जानी चाहिए. 

विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि विधेयक अच्छा है, मगर केवल प्रभावशाली पत्रकारों को ही इसकी सुविधा मिलेगी. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों के पत्रकार सबसे ज्यादा प्रताड़ित हैं. इस विधेयक से सत्तापोषित पत्रकारों को ही लाभ होगा, इसलिए इसे प्रवर समिति को भेजा जाना चाहिए. आखिर में विपक्ष ने बिल को बिना चर्चा के ही सर्वसम्मति से पारित करने की मांग की.

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