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This Article is From Apr 15, 2018

छत्तीसगढ़ में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का हाल, इमरजेंसी लाइट में किया गया घायलों का इलाज

आपको बता दें कि साल 2012 में इस अस्पताल को केंद्र से आई टीम ने मॉडल अस्पताल के रूप में दर्ज़ा देने की बात कही और अस्पताल की तारीफ़ भी की थी.

छत्तीसगढ़ में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का हाल, इमरजेंसी लाइट  में किया गया घायलों का इलाज
2012 में इस अस्पताल को केंद्र से आई टीम ने मॉडल अस्पताल के रूप में दर्ज़ा देने की बात कही थी
रायपुर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के जांगला से देश के पहले 'आयुष्मान भारत' योजना वेलनेस सेंटर का उद्घाटन किया, वहीं से लगभग 250 किलोमीटर दूर अंतागढ़ से तस्वीरें आईं जहां डॉक्टर मरीजों का इमरजेंसी लाइट में इलाज कर रहे थे. मिली जानकारी के मुताबिक पराली में शादी समारोह से लौटते वक़्त ट्रैक्टर ट्राली पलट गई जिसमें 28 लोग घायल हो गए थे. दुर्घटना में घायलों को अंतागढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था जहां इमरजेंसी की रोशनी में इनका इलाज किया गया.

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आपको बता दें कि साल 2012 में इस अस्पताल को केंद्र से आई टीम ने मॉडल अस्पताल के रूप में दर्ज़ा देने की बात कही और अस्पताल की तारीफ़ भी की थी. लेकिन आज तक ये अस्पताल अंधेरे से उबर नहीं पाया है. इस मामले में फोन पर ब्लॉक मेडिकल अफसर भेषज रामटेके का कहना था कि अस्पताल के जनरेटर में तकनीकी खराबी आ गई थी जिसकी वजह से वो तुरंत चालू नहीं हो सका इसलिए इमरजेंसी लाइट में घायलों का इलाज किया गया.

वीडियो : 

छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य का बजट 3 हजार करोड़ रुपए है. फिर भी 22 फीसद चिकित्साधिकारियों की कमी है, पिछले 10 साल में 2 हजार डॉक्टर नौकरी छोड़ चुके हैं. बस्तर में तो 55 फीसद तक डॉक्टरों की कमी है. राज्य में 5 साल के 41 फीसद बच्चे एनीमिया से पीड़ित हैं.

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