
प्रतीकात्मक फोटो
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डॉ अर्चना शुक्ला ने अभद्रता का दर्द सोशल मीडिया पर बयां किया
एफआईआर दर्ज नहीं होने पर सोशल मीडिया पर इस्तीफा पोस्ट किया
मीडिया में ख़बर आने के बाद आख़िरकार एफआईआर दर्ज हुई
बाद एफआईआर दर्ज हो गई है. जबलपुर कलेक्टर छवि भारद्वाज की दखल और मीडिया में ख़बर आने के बाद इस
मामले में आख़िरकार एफआईआर दर्ज हुई.
जबलपुर में जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ अर्चना शुक्ला ने अपने साथ हुई अभद्रता का दर्द सोशल मीडिया पर बयां
करते हुए लिखा था कि रास्ते में कई बार नकाबपोश गुंडों ने एसिड और डंडे लेकर उनका पीछा किया. मामले में
एफआईआर दर्ज नहीं होने के बाद सोशल मीडिया पर उन्होंने अपना इस्तीफा पोस्ट किया था. अपने इस्तीफे में
उन्होंने लिखा था कि बीजेपी के गुंडे उन्हें लगातार परेशान करते हैं, उनके निजी अंगों में हाथ डालने, इज्जत
उतारने की धमकी देते हैं. मेरा पूरा परिवार इस बात से बहुत आहत है इसलिए मैं अपने पद से इस्तीफा देती हूं.
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मामला 7 फरवरी का है जब शाम को उनकी इमरजेंसी ड्यूटी थी. तभी एक महिला 10 महीने की बच्ची को लेकर
इलाज कराने आई. बच्ची को जरूरी दवाएं देकर अगले दिन दोबारा जांच कराने की सलाह महिला को दी गई. इस
पर महिला के साथी बिफर गए और गाली-गलौच करना शुरू कर दी.
VIDEO : डॉक्टरों ने की हड़ताल
इस घटना की सूचना मिलने पर ओमती थाना पुलिस आई. जब शिकायत ओमती पुलिस थाने में की गई तो पुलिस
ने इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की. वहीं मामले में जबलपुर के पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार ने कहा
सीएसपी ओमती ने पूरे मामले की जांच की और हमने आईपीसी की धारा 294, 506, 186 के तहत मामला दर्ज
किया. चूंकि दोनों तरफ से शिकायत आई थी इसलिए मामले की जांच के बाद कार्रवाई करने में वक्त लगा.
(साथ में संजीव चौधरी)
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