छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह (फाइल फोटो)
रायपुर:
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि हाल में हुई बेमौसम की बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा. विधानसभा में आज मुख्यमंत्री सिंह ने राज्य सरकार के आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट पर सदन में हुई सामान्य चर्चा का जवाब देते हुए किसानों को विश्वास दिलाया है कि उनकी सरकार हर सुख-दुख में उनके साथ खड़ी है.सिंह ने कहा कि हाल में हुई बेमौसम की बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को हुए नुकसान का आंकलन एक सप्ताह के भीतर करने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है. प्रभावित किसानों को फसल क्षति के आंकलन के बाद राजस्व पुस्तक परिपत्र के तहत मुआवजा दिया जाएगा.
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रमन सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष 2017 में जब राज्य में सूखा पड़ा, तब राज्य सरकार ने किसानों को मुआवजा देने के लिए 546 करोड़ रूपए का आवंटन जारी किया. इसमें से अब तक 330 करोड़ रूपए का वितरण हो चुका है. इससे पहले जब वर्ष 2015 में सूखा पड़ा था, उस समय भी राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी थी और प्रभावित किसानों को विभिन्न मदों की राशि मिलाकर लगभग दो हजार करोड़ रूपए की सहायता दी गई थी. सिंह ने कहा कि अभी कुछ दिनों पहले मौसम बदलने से अचानक हुई बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों को जो नुकसान हुआ है, उसकी क्षतिपूर्ति का निर्देश भी उन्होंने राजस्व विभाग को दिया है. अभी सर्वेक्षण कराया जा रहा है और लगभग 26 हजार हेक्टेयर में फसल प्रभावित होने की जानकारी मिली है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कैबिनेट की बैठक में भी किसानों की इस समस्या पर चर्चा की गई और उन्हें सहायता राशि जल्द से जल्द वितरित करने का निर्णय लिया गया है. सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों पर खेती की लागत का बोझ कम करने के लिए भी कई उपाय किये है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को साधन और सुविधाएं दी हैं. विगत 14 वर्ष में राज्य में सिंचित रकबा 22 प्रतिशत से बढ़कर 36 प्रतिशत हो गया है. राज्य सरकार को अभियान लक्ष्य भागीरथी के तहत एक वर्ष में एक लाख हेक्टेयर से अधिक रकबे में सिंचाई क्षमता बढ़ाने में सफलता मिली है, जो अपने आप में एक नया कीर्तिमान है.
VIDEO: बेमौसम बरसात और ओलों से फसल चौपट
सिंह ने कहा कि विगत 14 साल में राज्य में बिजली कनेक्शन वाले सिंचाई पम्पों की संख्या 75 हजार से बढ़कर चार लाख 50 हजार तक पहुंच गई है. सौर सुजला योजना में 51 हजार किसानों को सोलर प्रणाली से चलने वाले पम्प दिए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2003 में छत्तीसगढ़ सरकार का कृषि बजट सिर्फ 834 करोड़ रूपए का था, जो अब बढ़कर 13 हजार 480 करोड़ रूपए तक पहुंच गया है. किसानों के लिए कृषि बजट में 17 गुना वृद्धि हुई है.
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रमन सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष 2017 में जब राज्य में सूखा पड़ा, तब राज्य सरकार ने किसानों को मुआवजा देने के लिए 546 करोड़ रूपए का आवंटन जारी किया. इसमें से अब तक 330 करोड़ रूपए का वितरण हो चुका है. इससे पहले जब वर्ष 2015 में सूखा पड़ा था, उस समय भी राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी थी और प्रभावित किसानों को विभिन्न मदों की राशि मिलाकर लगभग दो हजार करोड़ रूपए की सहायता दी गई थी. सिंह ने कहा कि अभी कुछ दिनों पहले मौसम बदलने से अचानक हुई बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों को जो नुकसान हुआ है, उसकी क्षतिपूर्ति का निर्देश भी उन्होंने राजस्व विभाग को दिया है. अभी सर्वेक्षण कराया जा रहा है और लगभग 26 हजार हेक्टेयर में फसल प्रभावित होने की जानकारी मिली है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कैबिनेट की बैठक में भी किसानों की इस समस्या पर चर्चा की गई और उन्हें सहायता राशि जल्द से जल्द वितरित करने का निर्णय लिया गया है. सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों पर खेती की लागत का बोझ कम करने के लिए भी कई उपाय किये है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को साधन और सुविधाएं दी हैं. विगत 14 वर्ष में राज्य में सिंचित रकबा 22 प्रतिशत से बढ़कर 36 प्रतिशत हो गया है. राज्य सरकार को अभियान लक्ष्य भागीरथी के तहत एक वर्ष में एक लाख हेक्टेयर से अधिक रकबे में सिंचाई क्षमता बढ़ाने में सफलता मिली है, जो अपने आप में एक नया कीर्तिमान है.
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सिंह ने कहा कि विगत 14 साल में राज्य में बिजली कनेक्शन वाले सिंचाई पम्पों की संख्या 75 हजार से बढ़कर चार लाख 50 हजार तक पहुंच गई है. सौर सुजला योजना में 51 हजार किसानों को सोलर प्रणाली से चलने वाले पम्प दिए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2003 में छत्तीसगढ़ सरकार का कृषि बजट सिर्फ 834 करोड़ रूपए का था, जो अब बढ़कर 13 हजार 480 करोड़ रूपए तक पहुंच गया है. किसानों के लिए कृषि बजट में 17 गुना वृद्धि हुई है.
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