
छत्तीसगढ़ के किसी भी भाजपा सांसद को मोदी मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिल पाया...
रायपुर:
केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में एक बार फिर छत्तीसगढ़ को छला गया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने रविवार को यह आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश की जनता ने भाजपा के 10 सांसदों को जिताकर भेजा है.केंद्र में यदि भाजपा की सरकार है तो उसमें छत्तीसगढ़ के मतदाताओं का भी योगदान है. राज्य से एक भी कैबिनेट मंत्री को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं दिया जाना राज्य की जनता के जनादेश का अपमान है.
राज्य के कोटे से पूर्व में सिर्फ एक राज्यमंत्री को ही बनाया गया था. सवाल उठता है, क्या भाजपा नेतृत्व की निगाह में छत्तीसगढ़ से चुने गए भाजपा के सांसदों में एक भी सांसद योग्य नहीं हैं?
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कांग्रेस नेताओं ने कहा कि विस्तार में राज्य को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने के बाद भी प्रदेश सरकार मंत्रिमंडल के विस्तार का स्वागत कर रही है, इससे साफ हो गया कि प्रदेश सरकार इस विस्तार से संतुष्ट है. संभवत: उनके ही प्रयासों और दबाव के कारण राज्य के किसी भी भाजपा सांसद को स्थान नहीं मिल पाया.
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार नहीं चाहती कि छत्तीसगढ़ से भाजपा में कोई वैकल्पिक नेतृत्व उभरे, जो उनके नेतृत्व को चुनौती दे सके, इसलिए रमेश बैस, रामविचार नेताम, सरोज पांडे, चंदूलाल साहू, भूषण जांगड़े जैसे नेताओं अनुभवी और प्रभावी दावेदारी को दरकिनार कर दिया गया, जिस अनुपात में छत्तीसगढ़ से भारतीय जनता पार्टी के सांसद जीत कर गए हैं, उसके अनुसार राज्य से तीन से चार सांसदों को मोदी मंत्रिमंडल में स्थान मिलना था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
राज्य के कोटे से पूर्व में सिर्फ एक राज्यमंत्री को ही बनाया गया था. सवाल उठता है, क्या भाजपा नेतृत्व की निगाह में छत्तीसगढ़ से चुने गए भाजपा के सांसदों में एक भी सांसद योग्य नहीं हैं?
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कांग्रेस नेताओं ने कहा कि विस्तार में राज्य को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने के बाद भी प्रदेश सरकार मंत्रिमंडल के विस्तार का स्वागत कर रही है, इससे साफ हो गया कि प्रदेश सरकार इस विस्तार से संतुष्ट है. संभवत: उनके ही प्रयासों और दबाव के कारण राज्य के किसी भी भाजपा सांसद को स्थान नहीं मिल पाया.
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार नहीं चाहती कि छत्तीसगढ़ से भाजपा में कोई वैकल्पिक नेतृत्व उभरे, जो उनके नेतृत्व को चुनौती दे सके, इसलिए रमेश बैस, रामविचार नेताम, सरोज पांडे, चंदूलाल साहू, भूषण जांगड़े जैसे नेताओं अनुभवी और प्रभावी दावेदारी को दरकिनार कर दिया गया, जिस अनुपात में छत्तीसगढ़ से भारतीय जनता पार्टी के सांसद जीत कर गए हैं, उसके अनुसार राज्य से तीन से चार सांसदों को मोदी मंत्रिमंडल में स्थान मिलना था.
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