भोपाल:
SC/ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलने को लेकर सवर्ण और ओबीसी समाज के भारत बंद का मध्यप्रदेश में खासा असर दिखा. भिंड में पुलिस ने भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह के बेटे पुष्पेंद्र सिंह समेत सात-आठ लोगों को गिरफ्तार किया तो अशोकनगर के शाढौरा रेलवे स्टेशन पर हजारों लोग रेलवे ट्रैक पर बैठ गए. विदिशा में हज़ारों की भीड़ सड़कों पर उतरी तो शहडोल में लाठी चार्ज हुआ, कई नेताओं और मंत्रियों को प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे भी दिखाए. चंबल के भिंड में बीजेपी विधायक विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह के बेटे पुष्पेंद्र सिंह अपने समर्थकों को साथ सड़क पर निकले, तो पुलिस ने नेतापुत्र को जीप में बिठा लिया. उसके बाद पुलिस ने कभी बाइक सवारों पर लाठी भांजी, तो कभी सड़क पर गिरी बाइक में. मुरैना में नारेबाज़ी हुई, प्रदर्शन हुआ लेकिन आंदोलन लगभग शांतिपूर्ण रहा. ग्वालियर में सड़क पर पुलिस, तो आसमान से ड्रोन की नज़रें प्रदर्शनकारियों पर नजर रखी हुई थीं.
शहडोल में दोपहर 12 बजे के करीब लोग गांधी चौक में जमा हुए थे. इसी दौरान पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया. लाठीचार्ज से युवक का सिर फट गया. कलेक्टर अनुभा श्रीवास्तव ने कहा लाठी चार्ज का आदेश नहीं दिया था, जांच करवाएंगे. राजधानी भोपाल में प्रदर्शनकारियों ने हाथ में चूड़ियां लेकर सिर पर सिंदूर लगाकर अपने जनप्रतिनिधियों का विरोध किया. विदिशा में हज़ारों की भीड़ सड़क पर उतरी, तो जबलपुर में बसों को रोकने की कोशिश हुई, छिंदवाड़ा, देवास में भी दुकानें बंद रहीं.
सतना में 10000 के करीब प्रदर्शनकारी कलेक्टर दफ्तर पहुंच गये. सागर संभाग के टीकमगढ़, छतरपुर में भी जमकर प्रदर्शन हुआ. कटनी ज़िले में प्रदर्शनकारी आधे कपड़ों में सड़क पर उतर आए, मुख्यमंत्री का पुतला भी फूंका. श्योपुर, आगर-मालवा में सपाक्स, परशुराम सेना और करनी सेना के साथ ही कई संगठन सड़कों पर उतरे. तांत्रिक क्रियाओं के लिए विश्व प्रसिद्ध नलखेड़ा स्थित प्रसिद्ध मां बगलामुखी मंदिर के पुजारियों ने तो बंद के समर्थन में हवन और अनुष्ठान भी बंद कर दिया.
खंडवा पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा 'सरकार सबको न्याय देगी, समस्या है तो खुले दिल से बात करेंगे, सबको न्याय देना सुनिश्चित करेंगे ... मैं सबका हूं.' मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में करणी सेना, ब्राह्मण समाज, जैन समाज, गुर्जर महासभा, परशुराम राम सेना जैसे सवर्ण और ओबीसी के 40 से ज्यादा संगठनों ने हिस्सा लिया. सुरक्षा के लिये 6000 नये सिपाही और स्पेशल आर्म्ड फोर्स की 34 कंपनियां तैनात की गई थीं.
VIDEO: सवर्णों के बंद का मिला-जुला असर
मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति की आबादी 15.2 फीसदी, और अनुसूचित जनजाति की आबादी 20.8 फीसद है. सूबे में अनुसूचित जाति की 35 सीटें हैं, जिसमें फिलहाल 28 पर बीजेपी काबिज है. 47 अनुसूचित जनजाति बहुल सीटों में 32 पर बीजेपी का कब्जा है, लगभग 53 फीसद वोटर ओबीसी और सवर्ण हैं. सपाक्स का विरोध, उनके 230 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला और आधे से ज्यादा वोटरों के फिसलने का डर ये एक ऐसा मुद्दा है जो आनेवाले चुनाव में बीजेपी-कांग्रेस दोनों को परेशान करने वाला है, ऐसे में आश्चर्य नहीं होता जब अपने नेताओं को घेरे जाने, उनपर हमला होने की सूरत में भी दोनों दल खुलकर ना इस मुद्दे का समर्थन कर पा रहे हैं ना विरोध.
शहडोल में दोपहर 12 बजे के करीब लोग गांधी चौक में जमा हुए थे. इसी दौरान पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया. लाठीचार्ज से युवक का सिर फट गया. कलेक्टर अनुभा श्रीवास्तव ने कहा लाठी चार्ज का आदेश नहीं दिया था, जांच करवाएंगे. राजधानी भोपाल में प्रदर्शनकारियों ने हाथ में चूड़ियां लेकर सिर पर सिंदूर लगाकर अपने जनप्रतिनिधियों का विरोध किया. विदिशा में हज़ारों की भीड़ सड़क पर उतरी, तो जबलपुर में बसों को रोकने की कोशिश हुई, छिंदवाड़ा, देवास में भी दुकानें बंद रहीं.
सतना में 10000 के करीब प्रदर्शनकारी कलेक्टर दफ्तर पहुंच गये. सागर संभाग के टीकमगढ़, छतरपुर में भी जमकर प्रदर्शन हुआ. कटनी ज़िले में प्रदर्शनकारी आधे कपड़ों में सड़क पर उतर आए, मुख्यमंत्री का पुतला भी फूंका. श्योपुर, आगर-मालवा में सपाक्स, परशुराम सेना और करनी सेना के साथ ही कई संगठन सड़कों पर उतरे. तांत्रिक क्रियाओं के लिए विश्व प्रसिद्ध नलखेड़ा स्थित प्रसिद्ध मां बगलामुखी मंदिर के पुजारियों ने तो बंद के समर्थन में हवन और अनुष्ठान भी बंद कर दिया.
खंडवा पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा 'सरकार सबको न्याय देगी, समस्या है तो खुले दिल से बात करेंगे, सबको न्याय देना सुनिश्चित करेंगे ... मैं सबका हूं.' मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में करणी सेना, ब्राह्मण समाज, जैन समाज, गुर्जर महासभा, परशुराम राम सेना जैसे सवर्ण और ओबीसी के 40 से ज्यादा संगठनों ने हिस्सा लिया. सुरक्षा के लिये 6000 नये सिपाही और स्पेशल आर्म्ड फोर्स की 34 कंपनियां तैनात की गई थीं.
VIDEO: सवर्णों के बंद का मिला-जुला असर
मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति की आबादी 15.2 फीसदी, और अनुसूचित जनजाति की आबादी 20.8 फीसद है. सूबे में अनुसूचित जाति की 35 सीटें हैं, जिसमें फिलहाल 28 पर बीजेपी काबिज है. 47 अनुसूचित जनजाति बहुल सीटों में 32 पर बीजेपी का कब्जा है, लगभग 53 फीसद वोटर ओबीसी और सवर्ण हैं. सपाक्स का विरोध, उनके 230 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला और आधे से ज्यादा वोटरों के फिसलने का डर ये एक ऐसा मुद्दा है जो आनेवाले चुनाव में बीजेपी-कांग्रेस दोनों को परेशान करने वाला है, ऐसे में आश्चर्य नहीं होता जब अपने नेताओं को घेरे जाने, उनपर हमला होने की सूरत में भी दोनों दल खुलकर ना इस मुद्दे का समर्थन कर पा रहे हैं ना विरोध.
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