- भाजपा तीनों निगमों में महिला नेताओं को बना सकती है मेयर- सूत्र
 - एसडीएमसी के मेयर के लिए कमलजीत सबसे मजबूत उम्मीदवार- सूत्र
 - स्वराज इंडिया ने भी महिलाओं के लिए आरक्षण की घोषणा की थी.
 
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में बहुमत के साथ जीत हासिल करने के बाद भाजपा दोबारा से निगम में सत्ता संभालने को तैयार है, लेकिन सबसे अहम है कि तीनों निगमों में पार्टी की तरफ से मेयर कौन होगा.
एनडीटीवी को सूत्रों से पता चला है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तीनों निगमों में मेयर पद की जिम्मेदारी महिला नेताओं को सौंप सकती है. सूत्रों के अनुसार, साउथ दिल्ली से शिखा राय, नंदनी शर्मा और कमलजीत सहरावत मेयर पद की संभावित उम्मीदवार हैं. हालांकि बताया जा रहा है कि एसडीएमसी के मेयर के लिए कमलजीत सबसे मजबूत उम्मीदवार हैं, क्योंकि उन्होंने साउथ दिल्ली में सबसे ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है.
वहीं, सूत्रों की मानें तो उत्तरी दिल्ली में प्रीति अग्रवाल और पूर्वी दिल्ली नगर निगम नीमा भगत या कंचन माहेश्वरी को मेयर बनाया जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि एमसीडी एक्ट के मुताबिक, पहले साल सामान्य श्रेणी से महिला मेयर होती है. दूसरे साल भी यह पद सामान्य श्रेणी के लिए और तीसरे साल अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी के लिए आरक्षित होता है.
आपको बता दें कि स्वराज इंडिया ने भी एमसीडी चुनावों में महिलाओं के लिए आरक्षण की घोषणा की थी.
                                                                        
                                    
                                एनडीटीवी को सूत्रों से पता चला है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तीनों निगमों में मेयर पद की जिम्मेदारी महिला नेताओं को सौंप सकती है. सूत्रों के अनुसार, साउथ दिल्ली से शिखा राय, नंदनी शर्मा और कमलजीत सहरावत मेयर पद की संभावित उम्मीदवार हैं. हालांकि बताया जा रहा है कि एसडीएमसी के मेयर के लिए कमलजीत सबसे मजबूत उम्मीदवार हैं, क्योंकि उन्होंने साउथ दिल्ली में सबसे ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है.
वहीं, सूत्रों की मानें तो उत्तरी दिल्ली में प्रीति अग्रवाल और पूर्वी दिल्ली नगर निगम नीमा भगत या कंचन माहेश्वरी को मेयर बनाया जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि एमसीडी एक्ट के मुताबिक, पहले साल सामान्य श्रेणी से महिला मेयर होती है. दूसरे साल भी यह पद सामान्य श्रेणी के लिए और तीसरे साल अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी के लिए आरक्षित होता है.
आपको बता दें कि स्वराज इंडिया ने भी एमसीडी चुनावों में महिलाओं के लिए आरक्षण की घोषणा की थी.
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