दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाते हुए तीनों निगम की सत्ता पर कब्जा बरकरार रखा. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली नगर निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जीत की हैट्रिक लगाते हुए तीनों निगम की सत्ता पर कब्जा बरकरार रखा. वहीं, इस चुनाव में आप और कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है. गत रविवार को हुए मतदान के बाद बुधवार को मतगणना पूरी होने पर तीन निगमों के 270 वार्ड के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित चुनाव परिणाम में भाजपा ने 181 वार्ड में जीत दर्ज की है. वहीं, आप को 48 और कांग्रेस को 30 सीट पर संतोष करना पड़ा.
गत 23 अप्रैल को तीनों निगमों के कुल 272 वार्डों में से 270 वार्ड पर मतदान हुआ था. दो वार्ड में उम्मीदवारों के निधन के कारण मतदान स्थगित कर दिया गया है.
आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, दक्षिणी निगम की 103 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 70, आप को 16 और कांग्रेस को 12 सीट हासिल हुई हैं, जबकि पूर्वी निगम की 63 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 47, आप को 11 और कांग्रेस की झोली में सिर्फ 3 सीट गई हैं. वहीं, उत्तरी निगम की 104 सीटों में भाजपा को 64, आप को 21 और कांग्रेस को 15 सीट पर कामयाबी मिली है.
भाजपा को साल 2012 में हुए पिछले निगम चुनाव में 138 वार्ड में जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस की झोली में 70 सीटें गई थीं. अब चुनाव परिणाम के आधार पर आप दूसरे स्थान पर और कांग्रेस तीसरे पायदान पर खिसक गई है.
नगर निगम चुनाव में भाजपा की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मतदाताओं का आभार जताते हुए कहा कि मैं दिल्ली भाजपा कार्यकर्ताओं के कठोर परिश्रम की प्रशंसा करता हूं, जिसकी वजह से एमसीडी में यह जीत संभव हो सकी.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी भाजपा को जीत की बधाई देते हुए दिल्ली की बेहतरी के लिए दिल्ली सरकार की ओर से नगर निगम को पूरा सहयोग देने की बात कही है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मैं तीनों निगमों में भाजपा की जीत के लिए बधाई देता हूं. मेरी सरकार दिल्ली की बेहतरी के लिए एमसीडी के साथ मिलकर काम करने को तत्पर है.
पंजाब और गोवा में आप की हार के लिए ईवीएम को जिम्मेदार ठहरा चुके केजरीवाल ने निगम चुनाव परिणाम आने पर ईवीएम पर निशाना नहीं साधा. नगर निगम चुनाव में बदतर प्रदर्शन केजरीवाल के लिए झटका है, क्योंकि निगम चुनाव को उनके दो साल के शासन का जनादेश माना जा रहा है.
हार से सन्न आप ने आरोप लगाया है कि भगवा पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए ईवीएम से छेड़छाड़ की गई. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "ईवीएम से बिना छेड़छाड़ इस तरह की प्रचंड जीत संभव नहीं है." उन्होंने कहा कि यह अविश्वसनीय है कि भाजपा निगम की सत्ता पर लगातार तीसरी बार काबिज होने में सफल रही, जबकि उसने बीते 10 वर्षों में दिल्ली के लिए कुछ भी नहीं किया.
भाजपा ने मतदान करने वाले 36 फीसदी मतदाताओं का समर्थन हासिल किया है, जबकि आप को 26 फीसदी मतदाताओं ने समर्थन दिया है. कांग्रेस का मत प्रतिशत 21 फीसदी रहा. भाजपा के मत प्रतिशत में खास बढ़ोतरी दर्ज नहीं हुई है. 2012 में हुए पिछले चुनाव में भी भाजपा को 36.74 फीसदी मत मिले थे, लेकिन कांग्रेस का मत प्रतिशत पिछली बार की 30.54 फीसदी की अपेक्षा काफी खिसक गया है.
दिल्ली नगर निगम चुनावों में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के तीन पार्षदों को जीत मिली है, जिसमें एक पार्षद एनडीएमसी से और दो पार्षद ईडीएमसी से हैं. समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय राष्ट्रीय लोकदल को एक-एक सीट पर जीत मिली है. इसके अलावा दिल्ली नगर निगम चुनाव में छह निर्दलीय पार्षद भी जीतकर आए हैं.
(इनपुट एजेंसियों से)
गत 23 अप्रैल को तीनों निगमों के कुल 272 वार्डों में से 270 वार्ड पर मतदान हुआ था. दो वार्ड में उम्मीदवारों के निधन के कारण मतदान स्थगित कर दिया गया है.
आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, दक्षिणी निगम की 103 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 70, आप को 16 और कांग्रेस को 12 सीट हासिल हुई हैं, जबकि पूर्वी निगम की 63 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 47, आप को 11 और कांग्रेस की झोली में सिर्फ 3 सीट गई हैं. वहीं, उत्तरी निगम की 104 सीटों में भाजपा को 64, आप को 21 और कांग्रेस को 15 सीट पर कामयाबी मिली है.
भाजपा को साल 2012 में हुए पिछले निगम चुनाव में 138 वार्ड में जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस की झोली में 70 सीटें गई थीं. अब चुनाव परिणाम के आधार पर आप दूसरे स्थान पर और कांग्रेस तीसरे पायदान पर खिसक गई है.
नगर निगम चुनाव में भाजपा की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मतदाताओं का आभार जताते हुए कहा कि मैं दिल्ली भाजपा कार्यकर्ताओं के कठोर परिश्रम की प्रशंसा करता हूं, जिसकी वजह से एमसीडी में यह जीत संभव हो सकी.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी भाजपा को जीत की बधाई देते हुए दिल्ली की बेहतरी के लिए दिल्ली सरकार की ओर से नगर निगम को पूरा सहयोग देने की बात कही है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मैं तीनों निगमों में भाजपा की जीत के लिए बधाई देता हूं. मेरी सरकार दिल्ली की बेहतरी के लिए एमसीडी के साथ मिलकर काम करने को तत्पर है.
पंजाब और गोवा में आप की हार के लिए ईवीएम को जिम्मेदार ठहरा चुके केजरीवाल ने निगम चुनाव परिणाम आने पर ईवीएम पर निशाना नहीं साधा. नगर निगम चुनाव में बदतर प्रदर्शन केजरीवाल के लिए झटका है, क्योंकि निगम चुनाव को उनके दो साल के शासन का जनादेश माना जा रहा है.
हार से सन्न आप ने आरोप लगाया है कि भगवा पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए ईवीएम से छेड़छाड़ की गई. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "ईवीएम से बिना छेड़छाड़ इस तरह की प्रचंड जीत संभव नहीं है." उन्होंने कहा कि यह अविश्वसनीय है कि भाजपा निगम की सत्ता पर लगातार तीसरी बार काबिज होने में सफल रही, जबकि उसने बीते 10 वर्षों में दिल्ली के लिए कुछ भी नहीं किया.
भाजपा ने मतदान करने वाले 36 फीसदी मतदाताओं का समर्थन हासिल किया है, जबकि आप को 26 फीसदी मतदाताओं ने समर्थन दिया है. कांग्रेस का मत प्रतिशत 21 फीसदी रहा. भाजपा के मत प्रतिशत में खास बढ़ोतरी दर्ज नहीं हुई है. 2012 में हुए पिछले चुनाव में भी भाजपा को 36.74 फीसदी मत मिले थे, लेकिन कांग्रेस का मत प्रतिशत पिछली बार की 30.54 फीसदी की अपेक्षा काफी खिसक गया है.
दिल्ली नगर निगम चुनावों में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के तीन पार्षदों को जीत मिली है, जिसमें एक पार्षद एनडीएमसी से और दो पार्षद ईडीएमसी से हैं. समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय राष्ट्रीय लोकदल को एक-एक सीट पर जीत मिली है. इसके अलावा दिल्ली नगर निगम चुनाव में छह निर्दलीय पार्षद भी जीतकर आए हैं.
(इनपुट एजेंसियों से)
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