मुंबई: 
                                        महाराष्ट्र में नरभक्षी बन चुकी एक शेरनी मौत बनकर विदर्भ के जंगलों में घूम रही है. अब तक 50 से भी ज्यादा जानवरों को मौत के घाट उतार चुकी ये आदमखोर 10 से भी जयादा इंसानी हमलों को अंजाम दे चुकी है. हाल ही में अमरावती के वरुड तहसील में इसके हमले में 2 की मौत हो गई और एक का इलाज चल रहा है. आलम ये है कि आसपास के ग्रामीण खेतों में जाने से डरने लगे हैं. चंद्रपुर से लेकर वर्धा, अमरावती और नागपुर के जंगल से लगे ग्रामीण इलाकों में दहशत का माहौल है. खास बात है कि इसके शरीर में लगी चिप से इसका लोकेशन पता चलता रहता है.
जगलों में लगे कैमरा ट्रैप में इसकी तस्वीर भी कैद हो रही है लेकिन जब तक वन विभाग की टीम वहां पहुंचती है ये जगह बदलकर आगे निकल चुकी होती है. इसे पकड़ने के लिए हैदराबाद से खास शूटर भी बुलाये गए हैं.
यह भी पढ़ें : कॉर्बेट पार्क की आदमखोर बाघिन को 11 गोलियां मारी, पूरे गांव में घुमाया
हैदराबाद से आये नवाब सय्यद अली खान ने बताया कि शेरनी लगातार चलती जा रही है. रात में भी वो नहीं रुक रही, लोकेशन मिलते ही टीम जब तक वहां पहुंचती है वो बहुत आगे जा चुकी होती है इसलिए उसे पकड़ने में कठिनाई आ रही है.
 
मई 2017 में चंद्रपुर के ब्रम्हपुरी जंगल में आदमखोर बन चुकी इस शेरनी को पकड़ कर वर्धा में बोर के जंगल में छोड़ा गया था लेकिन उसके बाद भी ये शांत नहीं हुई और मोर्शी डैम से होते हुए अमरावती और अब अमरावती से नागपुर के जंगल में प्रवेश कर चुकी है. इंसानों के लिए खतरनाक बन चुकी उस शेरनी को मारने के लिए प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेटर ऑफ़ फॉरेस्ट ए के मिश्रा ने देखते हो गोली मारने का आदेश निकाला है, लेकिन पशु प्रेमियों ने उस फैसले को अदालत में ये कहकर चुनौती दी है कि दोनों अलग शेरनी हैं. लिहाजा मामला और भी उलझ गया है.
VIDEO: आदमखोर एक, लेकिन कैद में 18 शेर
(अमरावती से संजय शेंडे का इनपुट)
                                                                        
                                    
                                जगलों में लगे कैमरा ट्रैप में इसकी तस्वीर भी कैद हो रही है लेकिन जब तक वन विभाग की टीम वहां पहुंचती है ये जगह बदलकर आगे निकल चुकी होती है. इसे पकड़ने के लिए हैदराबाद से खास शूटर भी बुलाये गए हैं.
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हैदराबाद से आये नवाब सय्यद अली खान ने बताया कि शेरनी लगातार चलती जा रही है. रात में भी वो नहीं रुक रही, लोकेशन मिलते ही टीम जब तक वहां पहुंचती है वो बहुत आगे जा चुकी होती है इसलिए उसे पकड़ने में कठिनाई आ रही है.

मई 2017 में चंद्रपुर के ब्रम्हपुरी जंगल में आदमखोर बन चुकी इस शेरनी को पकड़ कर वर्धा में बोर के जंगल में छोड़ा गया था लेकिन उसके बाद भी ये शांत नहीं हुई और मोर्शी डैम से होते हुए अमरावती और अब अमरावती से नागपुर के जंगल में प्रवेश कर चुकी है. इंसानों के लिए खतरनाक बन चुकी उस शेरनी को मारने के लिए प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेटर ऑफ़ फॉरेस्ट ए के मिश्रा ने देखते हो गोली मारने का आदेश निकाला है, लेकिन पशु प्रेमियों ने उस फैसले को अदालत में ये कहकर चुनौती दी है कि दोनों अलग शेरनी हैं. लिहाजा मामला और भी उलझ गया है.
VIDEO: आदमखोर एक, लेकिन कैद में 18 शेर
(अमरावती से संजय शेंडे का इनपुट)
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