आयकर विभाग के अनुसार भुजबल फैमिली ने 4 दर्जन फर्जी कंपनियों से यह जायदाद बनाई है (फाइल फोटो )
- छगन भुजबल और उनके भतीजे समीर मनी लॉड्रिंग के मामले में जेल में हैं
- कांग्रेस और एनसीपी की सरकार में भुजबल महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बने थे
- भुजबल परिवार की 300 करोड़ की संपत्ति को आयकर विभाग ने कुर्क किया
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मुंबई:
आयकर विभाग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल और उनके परिवार की 300 करोड़ रुपये मूल्य की बेनामी संपत्ति कुर्क कर ली है. आयकर विभाग के अनुसार, भुजबल परिवार ने कथित रूप से तकरीबन चार दर्जन शेल कंपनियों का जाल बुन कर ये जायदाद बनाई हैं.
भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद पूर्व उप मुख्यमंत्री के लिए नई परेशानी खड़ी करते हुए आयकर विभाग ने भुजबल, उनके बेटे पंकज एवं भतीजे समीर भुजबल की संपत्तियों की अस्थाई कुर्की के लिए नोटिस भेजे हैं और उन्हें कथित बेनामी संपत्तियों के लाभार्थियों के रूप में चिन्हित किया है.
यह कुर्की का आदेश बेनामी लेन-देन (निषेध) अधिनियम, 2016 के तहत जारी किया गया है. इसके तहत अगर आयकर अधिकारी को लगता है कि कोई संपत्ति बेनामी है तो वह उसमें दखल दे सकता है.
आयकर विभाग के आदेश के तहत कुर्क अचल संपत्ति में नासिक का गिर्णा शुगर मिल्स है जिसका मूल्य 80.97 करोड़ से ज्यादा है. इसमें मुंबई के सांता क्रूज स्थित 11.30 करोड़ से ज्यादा मूल्य की रिहायशी बहुमंजिली इमारत सॉलिटेयर भी शामिल है. जहां चीनी मिल आर्मस्ट्रांग इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के नाम है, रिहायशी इमारत प्रवेश कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के नाम है.
कुर्की में बांद्रा पश्चिम में स्थित हबीब मेनोर और फातिमा मेनोर बिल्डिंग भी शामिल हैं जिनकी कीमत 43.61 करोड़ रुपये आंकी गई है. कुर्क की गई बेनामी संपत्तियों की कुल कीमत 223 करोड़ रुपये से ज्यादा आंकी गई है जबकि आयकर विभाग का कहना है कि इसका बाजार मूल्य 300 करोड़ रुपये से ज्यादा है. विभाग ने कुल 44 शेल कंपनियों की शिनाख्त की है जिसने आदेश में बेनामी के रूप में चिन्हित तीन कंपनियों में से दो में निवेश किया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद पूर्व उप मुख्यमंत्री के लिए नई परेशानी खड़ी करते हुए आयकर विभाग ने भुजबल, उनके बेटे पंकज एवं भतीजे समीर भुजबल की संपत्तियों की अस्थाई कुर्की के लिए नोटिस भेजे हैं और उन्हें कथित बेनामी संपत्तियों के लाभार्थियों के रूप में चिन्हित किया है.
यह कुर्की का आदेश बेनामी लेन-देन (निषेध) अधिनियम, 2016 के तहत जारी किया गया है. इसके तहत अगर आयकर अधिकारी को लगता है कि कोई संपत्ति बेनामी है तो वह उसमें दखल दे सकता है.
आयकर विभाग के आदेश के तहत कुर्क अचल संपत्ति में नासिक का गिर्णा शुगर मिल्स है जिसका मूल्य 80.97 करोड़ से ज्यादा है. इसमें मुंबई के सांता क्रूज स्थित 11.30 करोड़ से ज्यादा मूल्य की रिहायशी बहुमंजिली इमारत सॉलिटेयर भी शामिल है. जहां चीनी मिल आर्मस्ट्रांग इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के नाम है, रिहायशी इमारत प्रवेश कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के नाम है.
कुर्की में बांद्रा पश्चिम में स्थित हबीब मेनोर और फातिमा मेनोर बिल्डिंग भी शामिल हैं जिनकी कीमत 43.61 करोड़ रुपये आंकी गई है. कुर्क की गई बेनामी संपत्तियों की कुल कीमत 223 करोड़ रुपये से ज्यादा आंकी गई है जबकि आयकर विभाग का कहना है कि इसका बाजार मूल्य 300 करोड़ रुपये से ज्यादा है. विभाग ने कुल 44 शेल कंपनियों की शिनाख्त की है जिसने आदेश में बेनामी के रूप में चिन्हित तीन कंपनियों में से दो में निवेश किया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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