
लखनऊ के गोमती नदी में एक महिला ने कूदकर अपनी जान दे दी. महिला के पति ने 2 महीने पहले रिटायर्ड जज और उसकी पत्नी कि प्रताड़ना से तंग आकर सुसाइड किया था. आरोप है कि पुलिस ने मामले पर कार्रवाई करने के वादे के बावजूद केस बंद कर दिया.
गोमती के कूदकर जान देने वाली महिला की पहचान कविता निषाद के रूप में हुई है, जो कि हाजरतगंज के लक्ष्मण मेला मैदान की रहने वाली है. महिला के पति ने भी 2 महीने पहले रिटायर्ड जज और उसकी पत्नी कि प्रताड़ना से तंग आकर अपनी जान दी थी. घरवालों का आरोप है कि मामले पर कार्रवाई न होने कि वजह से कविता हताश थी, क्योंकि उसके घर में कमाने वाला कोई नहीं था और महेश दो बच्चों को कविता के भरोसे छोड़ गया था.
कविता का पति महेश रिटायर्ड जज अनिल श्रीवास्तव के घर 4 साल से रसोइया था. होली वाले दिन जज के यहां से 6.5 लाख कि चोरी हुई, जिसका आरोप जज और उसकी पत्नी ने महेश पर लगाया. अगले दिन ज़ब महेश काम पर लौटा तो इसके बाद जज और उसकी पत्नी ने महेश को काफी प्रताड़ित किया और रात भर अलीगंज थाने में बैठाये रखा. मामले कि जानकारी होने पर घर वाले थाने पहुंचे तो महेश वहां नहीं मिला. अगले दिन घरवाले जज के घर गए तो एक कमरे में महेश घायल मिला. आरोप है कि जज कि पत्नी महेश को फोन पर लगातार धमकियां देती थी.
चोरी के आरोप और समाज में बेज्जत होने के कारण महेश मानसिक तौर पर टूट चूका था. जिसके बाद उसने आत्महत्या का मन बनाया. महेश ने सुसाइड से पहले एक वीडिओ बनाकर जज कि पत्नी को भेजा. जिसके बाद पंखे से लटक कर उसने आत्महत्या कर ली. घरवालों ने मौत के बाद शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद हजरतगंज पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर जज और उसकी बीबी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. महेश का फोन अब तक घरवालों को सौंपा नहीं गया है.
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