अफजाल अंसारी (बाएं) और शिवपाल सिंह यादव (बीच में) ने इस विलय की औपचारिक घोषणा की
- शिवपाल सिंह यादव और अफजाल अंसारी ने विलय का औपचारिक ऐलान किया
- कौमी एकता दल के हैं दो विधायक
- अभी जेल में बंद हैं मुख्तार अंसारी
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लखनऊ:
पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में प्रभाव रखने वाले कौमी एकता दल का मंगलवार को सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) में विलय कर दिया गया। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रांतीय प्रभारी और यूपी के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कौमी एकता दल के अध्यक्ष अफजाल अंसारी के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस विलय का औपचारिक ऐलान करते हुए कहा कि इससे सपा मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि अंसारी पहले भी सपा में रह चुके हैं और अब वह अपने घर वापस आ गए हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या जेल में बंद कौमी एकता दल विधायक मुख्तार अंसारी सपा में शामिल हो रहे हैं या नहीं, शिवपाल ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा, 'अभी यहां मौजूद सभी लोग सपा में शामिल हो रहे हैं। मुख्तार से अभी बात नहीं हुई है।'
कौमी एकता दल अध्यक्ष अंसारी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में बड़े-बड़े वादे करने वाली बीजेपी की सरकार अपने दो साल के कार्यकाल में नाकाम साबित हुई है और अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए वह साम्प्रदायिकता का सहारा ले रही है।
उन्होंने कहा, 'विधानसभा चुनाव में हम वोट कटवा का काम नहीं करना चाहते। जब फासीवादी ताकतें एक साथ आ रही हैं, तो हम धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को भी एक मंच पर आना चाहिए। मालूम हो कि कौमी एकता दल की गत 18 जून को गाजीपुर में हुई बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि साम्प्रदायिक ताकतों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए पार्टी सत्तारूढ़ सपा से हाथ मिलाएगी। पार्टी सपा से गठबंधन करेगी या फिर उसमें विलय होगा, इसका फैसला करने के लिए पार्टी अध्यक्ष अफजाल अंसारी को अधिकृत किया गया था। मऊ सदर से मुख्तार अंसारी और गाजीपुर के मुहम्मदाबाद से सिबगतउल्लाह अंसारी कौमी एकता दल के विधायक हैं।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।
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यह पूछे जाने पर कि क्या जेल में बंद कौमी एकता दल विधायक मुख्तार अंसारी सपा में शामिल हो रहे हैं या नहीं, शिवपाल ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा, 'अभी यहां मौजूद सभी लोग सपा में शामिल हो रहे हैं। मुख्तार से अभी बात नहीं हुई है।'
कौमी एकता दल अध्यक्ष अंसारी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में बड़े-बड़े वादे करने वाली बीजेपी की सरकार अपने दो साल के कार्यकाल में नाकाम साबित हुई है और अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए वह साम्प्रदायिकता का सहारा ले रही है।
उन्होंने कहा, 'विधानसभा चुनाव में हम वोट कटवा का काम नहीं करना चाहते। जब फासीवादी ताकतें एक साथ आ रही हैं, तो हम धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को भी एक मंच पर आना चाहिए। मालूम हो कि कौमी एकता दल की गत 18 जून को गाजीपुर में हुई बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि साम्प्रदायिक ताकतों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए पार्टी सत्तारूढ़ सपा से हाथ मिलाएगी। पार्टी सपा से गठबंधन करेगी या फिर उसमें विलय होगा, इसका फैसला करने के लिए पार्टी अध्यक्ष अफजाल अंसारी को अधिकृत किया गया था। मऊ सदर से मुख्तार अंसारी और गाजीपुर के मुहम्मदाबाद से सिबगतउल्लाह अंसारी कौमी एकता दल के विधायक हैं।
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