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This Article is From Mar 08, 2019

आतिशी: होनहार स्टूडेंट, सफल टीचर, फिर बनीं नेता और बदल दी दिल्ली के सरकारी स्कूलों की तस्वीर

आतिशी (Atishi Marlena) पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर आम आदमी पार्ट की उम्मीदवार हैं. वो एक होनहार स्टूडेंट, बेहतरीन टीचर होने के साथ ही शैक्षणिक योग्यता के मामले में कई दिग्गज नेताओं से काफी आगे हैं.

आतिशी: होनहार स्टूडेंट, सफल टीचर, फिर बनीं नेता और बदल दी दिल्ली के सरकारी स्कूलों की तस्वीर
Atishi Marlena: आतिशी उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार रह चुकी हैं.
नई दिल्ली:

महिला दिवस (Women's Day 2019) हो और महिला सशक्तिकरण की बात न हो ऐसा हो ही नहीं सकता. महिला सशक्तिकरण तब तक नहीं हो सकता जब तक महिलाएं राजनीतिक रूप से सशक्त नहीं बन जातीं. कुछ समय पहले तक राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बेहद कम थी. लेकिन बदलते समय के साथ न सिर्फ राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है बल्कि अब उनका सिक्का भी चलने लगा है. आज हमारे देश में एक से बढ़कर एक महिलाएं हैं जो राजनीति के पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ रही हैं. यहां पर हम जिस महिला नेता की बात कर रहे हैं वो एक होनहार स्टूडेंट, बेहतरीन टीचर होने के साथ ही शैक्षणिक योग्यता के मामले में कई दिग्गज नेताओं से काफी आगे हैं. उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों की काया पलटने में बेहतरीन योगदान दिया है. यहां बात हो रही है आतिशी (Atishi Marlena) की. बता दें कि आतिशी पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर आम आदमी पार्ट की उम्मीदवार हैं. साथ ही वह पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति की सदस्या भी हैं. आतिशी (Atishi Marlena) दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार रह चुकी हैं. लेकिन केंद्र के बढ़ते दबाव के चलते उन्हें अप्रैल 2018 में इस पद से हटा दिया गया था. इसका कई लोगों ने विरोध जताया था. नेताओं से लेकर फिल्मी सितारों ने आतिशी के समर्थन में आवाज उठाई थी.

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इसके बाद आप (AAP) ने उन्हें पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट का प्रभारी नियुक्त किया. फिर पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2019 (Loksabha Election 2019) के लिए बतौर उम्मीदवार उनके नाम की घोषणा की. आपको बता दें कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आए क्रांतिकारी बदलाव के पीछे आतिशी (Atishi Marlena) का बहुत बड़ा योगदान हैं. माना जाता है कि उनके ही सुझाव पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने आमूल-चूल परिवर्तन किया. आतिशी (Atishi) ने हैप्पीनेस करिकुलम की शुरुआत की. दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बच्चों को हैप्पीनेस करिकुलम नाम का कोर्स पढ़ाया जाता है.

हैप्पीनेस करिकुलम' का मकसद नर्सरी से लेकर 8वीं क्लास तक के बच्चों को भावनात्मक रूप से मजबूत करना है. स्कूलों में हर रोज 45 मिनट का 'हैप्पीनेस' पीरियड होता है जिसकी शुरुआत 5 मिनट के मेडीटेशन के साथ होती है. आतिशी की पढ़ाई दिल्ली के स्प्रिंगडेल स्कूल में हुई. जिसके बाद उन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज से बैचलर डिग्री हासिल की. उन्होंने सेंट स्टीफेंस में टॉप किया था. जिसके बाद उन्होंने रोड्स स्कॉलशिप लेकर ऑक्सफोर्ड से मास्टर्स किया.

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आतिशी (Atishi Marlena)  की मां तृप्ता वाही और पिता विजय कुमार सिंह डीयू में प्रोफेसर थे. आतिशी ने स्कूल के समय में मार्क्स और लेनिन से बनने वाले शब्द 'मार्लेना' को अपने नाम के साथ जोड़ दिया था. एक दौर में बहुत से लोगों ने 'मार्लेना' अपने नाम के साथ इसी तरह जोड़ा था. सोशल मीडिया पर उनके नाम को लेकर अफवाह उड़ाई जा रही थी कि आतिशी ईसाई समुदाय से हैं. कई विवादों के बाद उन्होंने अपने नाम से 'मार्लेना' हटा दिया. हालांकि उनका कहना है कि यह उनका निजी फैसला है.

राजनीति में आने से पहले आतिशी आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल में इतिहास पढ़ाती थीं. उन्होंने कई एनजीओ के साथ भी काम किया हैं. बतौर सलाहकार काम करने के लिए वो दिल्ली सरकारी से एक रुपये प्रति माह सैलरी लेती थीं.

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