Tej Bahadur Yadav News: वाराणसी (Varanasi Lok Sabha Seat) से पीएम मोदी (PM Modi) के खिलाफ चुनाव लड़ रहे सपा उम्मीदवार तेज बहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav) का नामांकन रद्द हो गया है. चुनाव आयोग ने तेज बहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav Nomination) के नामांकन को रद्द कर दिया है. नामांकन रद्द होने के बाद तेज बहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav News) ने इसे तानाशाही बताते हुए कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. तेज बहादुर यादव ने कहा कि चुनाव आयोग से मैंने कहा था कि मैं अंबानी नहीं हूं कि इतने कम समय में सूचना ले आउंगा. तेज बहादुर यादव ने कहा कि कल शाम 6.15 बजे चुनाव आयोग ने साक्ष्य देने को कहा था. हमने साक्ष्य तैयार कर लिए फिर भी मेरा नामांकन खारिज कर दिया गया. पर्चा गैरकानूनी तरीके से निरस्त किया गया है. यह जानबूझकर साजिश रची गई है.
Samajwadi Party MP candidate from Varanasi, Tej Bahadur Yadav: My nomination has been rejected wrongly. I was asked to produce the evidence at 6.15pm yesterday, we produced the evidence, still my nomination was rejected. We will go to the Supreme Court. pic.twitter.com/MF05gNoLJq
— ANI UP (@ANINewsUP) May 1, 2019
नामांकन पत्र में खामी पर तेज बहादुर यादव को भेजे नोटिस में चुनाव आयोग खुद कर बैठा 'बड़ी गलती'
दरअसल, वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ सपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव की उम्मीदवारी पर उस समय संशय के बादल मंडराने लगे थे जब, उन्होंने अपने हलफनामे में दो अलग-अलग जानकारी दी थी. दरअसल, नामांकन के दौरान एक हलफनामा तेज बहादुर ने निर्दलीय के रूप में भरा था, जबकि दूसरा उसने सपा उम्मीदवार के रूप में दाखिल किया है.
तेज बहादुर (Tej Bahadur Yadav) पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी दावेदारी पेश की थी, उसमें उन्होंने अपने हलफनामे में सेना से बर्खास्तगी की बात कही थी, लेकिन समाजवादी पार्टी की तरफ से जब उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया तो शायद इस तथ्य को छुपा लिया. नामांकन पत्र जांच के दौरान वाराणसी के रिटर्निंग अफसर को जब इस तथ्य की जानकारी मिली तो उन्होंने नोटिस भेजकर उनसे इसका जवाब मांगा था.
बता दें कि तेज बहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav) ने बीएसएफ (BSF) में रहते हुए खराब खाने की शिकायत की थी, जिसके बाद उन पर कार्रवाई की गई थी और उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था. तेज बहादुर जम्मू-कश्मीर में तैनात जवानों को खराब खाना दिए जाने की शिकायत वाले वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने के बाद चर्चा में आए थे. उन्हें झूठे आरोप लगाने के आरोप में जुलाई 2018 में बर्खास्त कर दिया गया था.
इससे पहले समाजवादी पार्टी ने हाल ही में शालिनी यादव को वाराणसी से उम्मीदवार बनाया था. बता दें कि शालिनी यादव (Shalini Yadav News) कांग्रेस के पूर्व सांसद और राज्यसभा के पूर्व उपसभापति श्यामलाल यादव की पुत्रवधू हैं. वाराणसी में अंतिम चरण में 19 मई को चुनाव होने हैं.
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