बीएसएफ में खराब खाने को लेकर बनाए गए अपने वीडियो से चर्चा में आए बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav) इन दिनों वाराणसी में है. वह अपनी सियासी पारी की शुरुआत पीएम मोदी (PM Modi) के खिलाफ चुनाव लड़ने के साथ कर रहे हैं. उनके इस फैसले की इन दिनों वाराणसी में खूब चर्चा हो रही है.क्योंकि वो (Tej Bahadur Yadav) पहले निर्दलीय प्रत्यासी के रूप में पर्चा दाखिल कर राजनीतिक रण का बिगुल बजा चुके थे, अब उनके साथ इस लड़ाई में समाजवादी पार्टी शामिल हो गई है और उन्हें अपने खेमे में मिला कर नरेंद्र मोदी (PM Modi) के सामने मज़बूत योद्धा के रूप में पेश कर दिया है. तेज बहादुर (Tej Bahadur Yadav) निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भी अपनी जंग पूरी सिद्दत के साथ लड़ रहे थे. उन्होंने इसके लिए बाकायदा एक वॉर रूम बना रखा था. हालांकि बाहर से दिखने में ये वॉर रूम जैसा नहीं लगता है लेकिन मंडुवाडीह स्टेशन के बगल में एक गीट्टी बालू के थोक दूकान में ये वॉर रूम बना है. जब आप यहां पहुंचेंगे तो बहार आपको गिट्टी बालू रखा मिलेगा उसके बीच के रास्ते से जब आप अंदर जायेंगे तो एक बड़ा हॉल नज़र आयेगा जो पहले इन्ही गिट्टी बालू को रखने का गोदाम था. जिसे अब खाली करा दिया गया है.
इसमें जैसे ही आप अंदर जाएंगे तो पहले ही बाएं तरफ खाली पड़े ड्रम के ऊपर पानी के एक दो कंटेनर रखे हैं जिससे आने वाले आगंतुकों का पानी और गुड़ से स्वागत होता है. उसके बाद हाल में आठ दस कुर्सियां राखी हुईं हैं जिसमे बैठ कर लोग चुनावी चर्चा करते नज़र आयेंगे. इस हॉल से लगा हुवा एक कमरा है जिसके फर्श पर बेतरतीब तरीके से दरियां बिछी हुई है , कमरे की खिड़की पर फ़ौज की वर्दी टंगी है तो नीचे तफ़्ती के बने वो दान पात्र रखे हैं, जिसे ये लोग प्रचार के दौरान अपने साथ लेकर जाते हैं. इस कमरे में कुछ रिटायर फौजी और कुछ कार्यकर्ता बैठ कर चुनावी रणनीति बनाते नज़र आते हैं. इसी कमरे के दूसरे कोने में चार पांच महिलायें भी हैं जो अपने घर का काम ख़त्म कर तेज बहादुर के प्रचार के लिये यहां जुटती हैं और फिर अलग- अलग मोहल्लो में प्रचार के लिए जाती है.
इन महिलाओं में से एक रंजो देवी कहती है कि हम लोग घरेलू महिला है मुसीबत परेशानी जानते हैं फौजी भाई एक खड़े हुए थे तो सुना हमने तो सारी हमारी महिलाये हैं जो एक जगह खड़े होने के बाद आते हैं, हम लोग डोर तो डोर प्रचार में जाते हैं. इन्ही की दूसरी साथी मोहसिना भी हैं जो आम आदमी पार्टी से जुडी हैं कहती हैं कि उनकी पार्टी ने उम्मीदवार नहीं दिया तो वो तेज बहादुर के प्रचार में ही लग गई हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पास पैसा नहीं है पावर नहीं है लेकिन हमारे पास विल पॉवर है हौसला है हमें एक दुआरे को सहयोग करते हैं कहां कहां से से लोग आ रहे हैं हम ये दिखाना चाहते हैं कि आज एक आम आदमी भी चुनाव लड़ सकता है हम जीते या हारे लेकिन हमने कोशिश तो की मैदान में डटे तो हैं.
इसी हौसले के बूते तेज बहादुर वाराणसी में देश के सबसे ताकतवर व्यक्ति को चुनौती देने मैदान में उतरे हैं. किसी भी जंग के लिए राशन पानी का मुक्कमल इंतज़ाम होना चाहिए तो यहां पर उसका इंतज़ाम खुद तेज बहादुर और उनके साथी देख रहे हैं. आने वाले आगंतुकों के साथ कार्यकर्ताओं का भोजन भी सभी मिल जल कर बनाते हैं हम जब पहुंचे तो तेज बहादुर हम निम्बूं की चाय बनाते मिले. तेज बहादुर के साथ शुरुवाती दिनों से कंधे से कंधा मिला कर इस लड़ाई उनके साथी बीएसएफ से रिटायर फौजी मणि देव चतुर्वेदी भी बैठे थे. उनसे जब रसद पानी का सवाल पूछा तो छूटते ही अपना जला हुवा अंगूठा दिखाते हुवे कहते हैं कि हमारे अंगुली को देखिये छाले पड़े हैं हम खाना बनाते हैं अपने हांथों से जवानो को खिलाते हैं जो बनता है क्योंकि हम विशुद्ध किसान के बेटे हैं आज सरहद से सड़क पर आये हैं.
लोकसभा चुनाव के लिए चंदा जुटाने में कौन रहा आगे, कन्हैया कुमार या आम आदमी पार्टी के नेता?
जब हमारी सरहद पर ज़रुरत थी तब हम सरहद पर थे आज सड़क पर किया हम भ्रस्टचार के खिलाफ लड़ने आये हैं. हम असली चौकीदार बन कर संसद में जाएंगे.संसद में जाने के लिये हर सुबह और तेज बहादुर और उनके साथी अलग अलग टोली बना कर निकलते है. जो अपनी बात कहते हुवे लोगों से नॉट और वोट दोनों की अपील करते हैं. अपने बीच सेना के जवान को पा कर लोग भी उत्साहित होते हैं और उन्हें वोट के आश्वासन के साथ अपनी क्षमता के हिसाब से नॉट देते हैं.
VIDEO: समाजवादी पार्टी ने तेज बहादुर यादव को बनाया उम्मीदवार.
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