मतगणना के दौरान जो रुझान सामने आए हैं उनमें एनडीए ने भले ही बाजी मारी हो लेकिन तमिलनाडु में अभी तक के आए आंकड़े हैरान करने वाले हैं. यहां AIADMK को बड़ा झटका लगा है और राज्य की 39 सीटों में से 35 सीटों पर DMK बढ़त बनाए हुए है. इसके पीछे स्टालिन की चुनावी रणनीति का हाथ माना जा रहा है. वहीं यहां हुए विधानसभा के उपचुनाव में दोनों पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर है. यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि जयललिता और करुणानिधि के निधन के बाद राज्य में पहली बार चुनाव हो रहे हैं. दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु में लोकसभा की 39 सीटें हैं. इसे केंद्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला राज्य माना जाता है. इस राज्य में दो प्रमुख राजनीतिक दल ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) सत्ता में बने रहे हैं.
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यहां लोकसभा चुनाव के अलावा 18 विधानसभा सीटों के लिए भी उपचुनाव हुए हैं. साल 2014 के लोकसभा चुनावों (Tamil Nadu Elections) में तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक ने 37 सीटें जीती थीं. बीजेपी (BJP) ने एक सीट और एस रामदास के नेतृत्व वाली पट्टली मक्कल काची ने एक सीट जीती थी. राज्य का प्रमुख विपक्षी दल द्रमुक तत्कालीन पार्टी संरक्षक एम करुणानिधि के नेतृत्व में एक भी सीट नहीं जीत सका था. तमिलनाडु की जनसंख्या 7.21 करोड़ है. राज्य में कुल 4,20,83,544 मतदाता हैं जिनमें से 2,07,58,857 पुरुष मतदाताओं और 2,13,23,767 महिला मतदाताओं ने वोट डाले.
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