मध्यप्रदेश में 15 साल बाद फिर बिजली चुनावी मुद्दा बन गया है. दरअसल जनता के साथ-साथ सरकार अघोषित बिजली कटौती से परेशान है. मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) की सख्ती के बाद मुख्यसचिव ने कलेक्टरों और संभागीय कमिश्नरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग में अघोषित बिजली कटौती पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. उधर, बिजली विभाग के 500 कर्मचारियों पर कार्रवाई हो गई बावजूद इसके हालात नहीं सुधर रहे हैं. इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने 'लालटेन यात्रा' (Lalten March) शुरू की. शिवराज सिंह चौहान का लालटेन मार्च सरकार के खिलाफ है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'जब से कांग्रेस सत्ता में आई है, बिजली चली गई है. दिग्विजय ने मध्यप्रदेश को अंधेरे में धकेल दिया था और वह युग फिर वापस आ रहा है. 'लालटेन' अंधकार के युग का प्रतीक है, इसीलिए हम यह मार्च जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए कर रहे हैं.
Shivraj Singh Chouhan, BJP: Ever since Congress has come, electricity has gone. Digvijaya had turned MP into a state of darkness & that era is coming back. 'Lalten' is the symbol of the era of darkness, that is why we're doing this march to raise awareness among public. pic.twitter.com/9dZPXGFdlV
— ANI (@ANI) May 5, 2019
...जब MP के सीएम कमलनाथ वोट डालने पहुंचे मतदान केंद्र, बत्ती हो गई गुल- जानिये फिर क्या हुआ
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'मेरे भाइयों-बहनों, आपको सावधान रहने की ज़रूरत है! ये कांग्रेसी नेता चुनाव के समय प्रकट होते हैं और बड़े-बड़े वादों से आपको लुभाने की कोशिश करते हैं! इनके सभी वादे झूठे साबित होते हैं. विधानसभा चुनाव में तो गलती हो गई, लेकिन इस बार इनके जाल में नहीं फंसना!
@RJDforIndia mama kab shaamil hue RJD me?
— Human First (@1sttHuman) May 5, 2019
जरा भी राजनीतिक समझ नहीं.
— sushil mishra (@sandhan147) May 5, 2019
मुफ्त में "राजद व लालू" का प्रचार कर रहे.
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लालू जी की लालटेन थाम ली क्या मामाजी
— Iamfpatel (@imfpatel) May 5, 2019
कमलनाथ के आने से मधयप्रदेश में लालटेन की बिक्री बढ़ गई हे।
— दीपेंद्र सिंह राजावत (@bindass_deep) May 5, 2019
बता दें कि शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्विटर अकाउंट पर जैसे ही 'लालटेन मार्च' का वीडियो शेयर किया, तमाम तरह के रिएक्शन आने लगे. ट्वीटर यूजर ने उनसे पूछा, 'मामा राजद कब ज्वाइन कर लिए.' वहीं, दूसरे ने पूछा, 'लालू जी की लालटेन थाम ली क्या मामाजी?' वहीं, एक दूसरे यूजर ने ट्वीट किया, कमलनाथ के आने से मधयप्रदेश में लालटेन की बिक्री बढ़ गई है. वहीं, एक अन्य ने लिखा, 'जरा भी राजनीतिक समझ नहीं, मुफ्त में 'राजद व लालू' का प्रचार कर रहे.
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बता दें कि मध्यप्रदेश में इस बार चुनाव में बिजली प्रमुख मुद्दा बना हुआ है. अभी हाल ही में छिंदवाड़ा में शिकारपुर के प्राइमरी स्कूल में जब मुख्यमंत्री कमलनाथ वोट डालने पहुंचे उसी वक्त बिजली चली गई. उन्हें कैमरों की रोशनी में वोट डालना पड़ा. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सभा में भी बिजली गुल हो गई थी, उन्होंने मंच से संबंधित कर्मचारी को फोन लगाकर धमकाया. ये हालात तब हैं जब प्रदेश सरकार प्रदेश में हो रही अघोषित बिजली कटौती की वजह से 387 अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर चुकी है. 217 को नौकरी से निकाल दिया गया है, और 142 को सस्पेंड किया गया है. लापरवाही बरतने वाले 28 कर्मचारियों को नोटिस दिए गए हैं.
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2003 में कांग्रेस सरकार की विदाई की बड़ी वजह बिजली कटौती थी. उस वक्त प्रदेश में बिजली उत्पादन 4676.25 मेगावाट थी, जो 15 सालों में बढ़कर 17744.55 मेगावाट हो गई. बिजली आपूर्ति में 144 फीसद वृद्धि और मध्यप्रदेश बिजली उत्पादन में सरप्लस हो गया. बावजूद इसके अघोषित बिजली कटौती से सरकार परेशान है, उसे लगता है इसमें बीजेपी का हाथ है, वहीं विपक्ष का कहना है सरकार से हालात संभल नहीं रहे.
मध्यप्रदेश में 29 सीटें, चार चरण मतदान
29 अप्रैल: सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा
6 मई: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, होशंगाबाद, बैतूल
12 मई: मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल, राजगढ़
19 मई: देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगोन, खंडवा
VIDEO: मध्य प्रदेश में 15 साल बाद फिर बिजली बना चुनावी मुद्दा
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