वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ ताल ठोंकने वाले बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख कर वाराणसी से उनका नामांकन पत्र खारिज करने के फैसले को चुनौती दी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत सुनिश्चित करने की मंशा से उनका नामांकन पत्र रद्द किया गया. निर्वाचन अधिकारी ने 1 मई को तेज बहादुर यादव का नामांकन पत्र खारिज कर दिया था. तेज बहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav News) वाराणसी संसदीय सीट (Varanasi Lok Sabha Seat) से समाजवादी पार्टी (SP) के टिकट पर चुनाव मैदान में थे. यादव ने जवानों को खराब खाना दिए जाने संबंधी एक वीडियो इंटरनेट पर डाला था, इसके बाद 2017 में उन्हें सीमा बर्खास्त कर दिया गया था.
यह भी पढ़ें: BSF के बर्खास्त जवान तेज बहादुर पर FIR दर्ज, आचार संहिता का उल्लंघन करने पर हुई कार्रवाई
निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि यादव प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में विफल रहे, क्योंकि जनप्रतिनिधि (आरपी) अधिनियम के तहत उन्हें इस आशय का प्रमाण पत्र देना आवश्यक था कि उन्हें 'भ्रष्टाचार या राज्य के प्रति निष्ठाहीनता के लिए बर्खास्त' नहीं किया गया है.' तेज बहादुर यादव ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर याचिका में कहा है कि निर्वाचन अधिकारी के निर्णय को खारिज किया जाए तथा शीर्ष अदालत याचिकाकर्ता को हाई प्रोफाइल वाराणसी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने की अनुमति दे, जहां 19 मई को मतदान होना है.
यह भी पढ़ें: तेज बहादुर से मिलीं शालिनी यादव, राखी बांधकर कहा- हमारा मकसद एक, बनाई ये रणनीति
याचिका में आयोग के फैसले को भेदभावपूर्ण और अतार्किक बताते हुए इसे रद्द किये जाने की मांग की गई है. सपा ने शुरुआत में मोदी के खिलाफ शालिनी यादव को टिकट दिया था, लेकिन बाद में उसने प्रत्याशी बदलकर, बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर को वाराणसी संसदीय सीट से उम्मीदवार बनाया था. चुनाव आयोग ने 1 मई को यादव का नामांकन रद्द कर दिया था. वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी (आरओ) ने यादव द्वारा दाखिल नामांकन के दो सेटों में विसंगति को लेकर नोटिस जारी किया था.
यह भी पढ़ें: तेज बहादुर यादव बोले, मुझे चुनाव लड़ने से रोकने के लिए BJP अपना रही तानाशाही रवैैया, लेकिन...
तेज बहादुर यादव ने 24 अप्रैल को दाखिल दस्तावेजों में कहा था कि उसे सीमा सुरक्षा बल से बर्खास्त किया गया है. हालांकि, 29 अप्रैल को सपा उम्मीदवार के तौर पर दाखिल दूसरे सेट में इस सूचना का जिक्र नहीं किया गया था. इसके साथ ही यादव को सीमा सुरक्षा बल से अनापत्ति प्रमाण (एनओसी) भी जमा करना था, जिसमें बर्खास्तगी के कारण बताए जाने थे. यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया था कि उसने चुनाव लड़ने से रोकने के लिए 'तानाशाही कदम' का सहारा लिया. यादव ने दावा किया था, 'मेरा नामांकन आज खारिज कर दिया गया, जबकि मैंने सीमा सुरक्षा बल से एनओसी जमा किया था जिसे आरओ ने जमा करने को कहा था.' तेज बहादुर यादव ने कहा था, 'मैं एक किसान का बेटा हूं और मैं यहां किसानों तथा जवानों की आवाज उठाने के लिए था.'
VIDEO: वाराणसी से गठबंधन उम्मीदवार तेज बहादुर यादव का रद्द हुआ पर्चा
(इनपुट: भाषा)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं