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This Article is From May 24, 2019

Results 2019: ...तो इन वजहों से यूपी में फेल हो गया सपा-बसपा गठबंधन

2014 में मोदी के सत्ता में आते ही बीजेपी ने गैर यादव पिछड़ों और गैर जाटव दलितों को सपा-बसपा से तोड़ने की कोशिश शुरू कर दी थी.

Results 2019: ...तो इन वजहों से यूपी में फेल हो गया सपा-बसपा गठबंधन
Election results 2019: मायावती के साथ अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
लखनऊ:

लोकसभा चुनावों में सपा-बसपा गठबंधन यूपी में फेल हो गया. सपा को सिर्फ 5 सीटें मिलीं और बसपा को 10, जबकि यूपी में दलित, ओबीसी और मुस्लिम वोट करीब 78 फीसदी हैं लेकिन करीब 37 फीसद दलित और पिछड़ा वोट बीजेपी में चला गया.

अमित शाह ने यूपी के बहराइच में 24 फरवरी 2016 को 11वीं सदी के राजभर राजा सुहेलदेव की मूर्ति का अनावरण किया और बताया कि पिछड़े समाज के इस राजा ने कैसे मंदिर तोड़ने आए एक मुस्ल्मि हमलावर सालार मसूद गाजी और उसकी सेना को धूल चटा दी. इस तरह वो पिछड़ों का हिंदू स्‍वाभिमान जगाते रहे. उन्‍होंने कहा कि 'दूसरा सोमनाथ का मंदिर गुजराज जैसा यहां पर बना था, उसको तोड़ने के लिए आए तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया. और ऐसी रणनीति से युद्ध लड़े कि ना केवल गाजी बल्कि उसकी पूरी सेना यहां पर समाप्‍त हो गई.'

2014 में मोदी के सत्ता में आते ही बीजेपी ने गैर यादव पिछड़ों और गैर जाटव दलितों को सपा-बसपा से तोड़ने की कोशिश शुरू कर दी थी. इसके लिए पीएम मोदी ने वाराणसी के रैदार मंदिर में पंगत में बैठकर लंगर चखा, समरसता भोज नाम से दलितों-पिछड़ों के यहां नेताओं का भोज कराया. लखनऊ की अंबेडकर यूनिवर्सिटी में रोहित वेमुला की मौत पर भावुक होकर तकलीफ जताई. बाबा साहेब के नाम से स्‍मारक और योजनाएं शुरू कीं. पार्टी ने केशव मौर्य से दलितों और पिछड़ों के करीब 150 सम्‍मेलन कराए.

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और ये तो किसी नेता ने नहीं किया था जो मोदी ने कर दिखाया. कुंभ में काम करने वाले कई सफाई कर्मचारियों के चरण धोए. मोदी से पैर धुलवाने वाले सफाई कर्मचारी भूरेलाल ने NDTV से कहा था कि 'हमें ऐसा लगता है कि हम सपना देख रहे हैं. हमारे प्रधानमंत्री चरण धो रहे हैं. बहुत सम्‍मान मिला, बहुत अच्‍छा लगा हमें. पहले 'हाथी' को वो देते थे लेकिन अब उनको देंगे.'

यही नहीं, कांग्रेस को गठबंधन में नहीं लेना भारी पड़ गया. कम से कम 10 सीटें बदायूं, बाराबंकी, सुल्‍तानपुर, चंदौली, मछलीशहर, बांदा, बस्‍ती, मेरठ और संत कबीर नगर कांग्रेस की वजह से गठबंधन हार गया. अगर कांग्रेस गठबंधन में होती तो उसकी जीत और बीजेपी की हार होती.

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मुलायम सिंह यादव ने छोटी जातियों को पार्टी से जोड़ा और उनमें तमाम बड़े नेता पैदा किये. फूलन देवी से लेकर बीनी वर्मा तक तमाम पिछड़े नेता उनके बनाए हुए थे. मुलायम की सक्रिय राजनीति से हटने के बाद ये प्रक्रिया ढीली पड़ गई जबकि बीजेपी उन्‍हें अपनी तरफ जोड़ने में जी-जान से जुट गई.

दलित वोट कहां गया?
यूपी में दलित वोट करीब 22 से 23 फीसदी है जिनकी 66 उप जातियां हैं. इनमें जाटव 13.1 फीसदी, पासी 3.2 फीसदी, धोबी 1.4 फीसदी, कोयरी 1.3 फीसदी, बाल्‍मिकि 1 फीसदी और खातिक 1 फीसदी हैं. गठबंधन को सिर्फ जाटव वोट मिलने का अनुमान है. यानी करीब 9 से 10 फीसदी दलित वोट बीजेपी को गया.

पिछड़ा वोट कहां गया?
यूपी में पिछड़ा वोट 37 से 38 फीसदी है जिनकी 79 उप जातियां हैं. इनमें यादव 11 फीसदी, कुर्मी 4.5 फीसदी, लोधी 2.1 फीसदी, निषाद 2.4 फीसदी, जाट-गुर्जर-तेली-कुम्‍हार 2-2 फीसदी और नाई-सैनी-कन्‍हार-काच्‍ची सब 1.5-1.5 फीसदी हें. गठबंधन को सिर्फ यादव वोट मिलने का अनुमान है. यानी 26 से 27 फीसदी वोट बीजेपी को चला गया.

आरएसएस की समग्र हिंदू एकता की कल्‍पना पिछड़ों और दलितों की वजह से सरकार नहीं होती थी क्‍योंकि वो सवर्णों के एजेंडे पर उनके गुट में नहीं जाते थे. लेकिन जबरदस्‍त सांप्रदायिक ध्रुविकरण के साथ बीजेपी ने जो पाकिस्‍तान के खिलाफ राष्‍ट्रीय सुरक्षा की बात को पेश किया उसने जातियों की सारी दीवारें तोड़ दीं. तो कुछ गठबंधन की कमियां रहीं तो कुछ मोदी की राजनीति जिससे गठबंधन फेल हो गया.

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