प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Modi) के बारे में कहा जाता है कि चुनाव के वक्त वह सियासी माहौल को बीजेपी(BJP) के पक्ष में किसी भी तरह से मोड़ने के लिए ऐसे कूटनीतिक बयानों का सहारा लेते हैं, जिनके निहितार्थ बड़े गहरे होते हैं और प्रभाव दूरगामी. किस वक्त पर कौन सा बयान देकर विपक्ष का आत्मविश्वास डाउन किया जाए, इस सियासी कौशल में विरोधी भी उन्हें माहिर मानते हैं. एक बार फिर यह दिखा पश्चिम बंगाल में. जब पीएम मोदी ने ममता बनर्जी की पार्टी के 40 विधायकों के कांग्रेस में होने का दावा कर न केवल पश्चिम बंगाल(West Bengal) में सियासी तूफान पैदा कर दिया, बल्कि तृणमूल कांग्रेस(Trinamool Congress) में भी हलचल पैदा कर दी. आननफान में तृणमूल कांग्रेस को भी बयान जारी करना पड़ गया कि विधायक तो छोडिए पार्षद तक बीजेपी के संपर्क में नहीं हैं. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी(Mamata Banerjee) को चेतावनी देते हुए कहा था कि उनके विधायक लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद उन्हें छोड़ देंगे और उनमें से 40 पहले से ही उनके संपर्क में हैं.
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पीएम मोदी के बयान पर तृणमूल कांग्रेस ने गहरी नाराजगी जाहिर की. बीजेपी पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया, मगर बीजेपी के नेताओं ने मोदी के बयान का समर्थन किया और कहा कि सात चरण के चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद राज्य सरकार गिर जाएगी. मोदी ने हुगली जिले में एक चुनावी रैली में कहा, "जब 23 मई के बाद बंगाल में हर जगह कमल खिल जाएगा, तो दीदी (बनर्जी) आप देखेंगी कि आपके विधायक भी आपको छोड़ देंगे और भाग जाएंगे। आपके विधायकों में से 40 आज भी मेरे संपर्क में हैं."उन्होंने कहा, "अपने आप को बचाना आपके लिए कठिन होगा. आपने बंगाल के लोगों को धोखा दिया है."
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तृणमूल प्रवक्ता और राज्यसभा के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि उनकी पार्टी मोदी को खरीद-फरोख्त के आरोप में चुनाव आयोग में खींचेगी.हालांकि, उन्होंने मोदी के बयान को भी गलत बताया, और दावा किया कि कोई भी उनके साथ नहीं जाएगा.उन्होने ट्वीट कर कहा, "एक्सपायरी बाबू पीएम, सीधे हो जाओ. कोई भी तुम्हारे साथ नहीं जाएगा. एक पार्षद भी नहीं. क्या आप चुनाव प्रचार या हॉर्स ट्रेडिंग कर रहे हैं? आपकी एक्सपायरी डेट नजदीक है. आज हम चुनाव आयोग से शिकायत कर रहे हैं। आप पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप है." लेकिन भाजपा सचिव राहुल सिन्हा ने मोदी की टिप्पणियों का समर्थन किया और कहा कि तृणमूल के कई नेताओं के साथ-साथ राज्य के वरिष्ठ और पुलिस अधिकारी भी उनकी पार्टी के संपर्क में हैं.
सिन्हा ने बताया, "हमने पहले कहा है कि तृणमूल के कई नेता हमारे संपर्क में हैं। आप देखेंगे कि 23 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद तृणमूल कांग्रेस में दरारें आएंगी। उनमें से कई हमारी पार्टी में चले जाएंगे."उन्होंने कहा, "इसके अलावा कई वरिष्ठ राज्य अधिकारी और पुलिस अधिकारी जो अब राज्य के सत्तारूढ़ शासन के लिए काम करने के लिए मजबूर हैं, वे भी हमें बुला रहे हैं और कह रहे हैं कि वे अपनी नौकरियों की रक्षा के लिए ऐसा करने के लिए मजबूर हैं. मतदान के परिणाम के बाद चीजें बदल जाएंगी."
भाजपा के प्रदेश सचिव रितेश तिवारी ने सिन्हा का समर्थन किया.तिवारी ने बताया, "भाजपा 42 सीटों पर बहुमत हासिल करेगी. और तृणमूल सरकार गिर जाएगी, क्योंकि पार्टी ताश के पत्तों की तरह ढह जाएगी. तृणमूल में कुछ अच्छे लोग हैं. वे हमारे साथ जुड़ेंगे. उनके विधायकों के बीच कुछ अच्छे व्यक्ति भी हैं, जो हमारे पक्ष में होंगे."तृणमूल विधायक अर्जुन सिंह, जो भाजपा में शामिल हो गए और अब बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र से भगवा पार्टी के उम्मीदवार हैं, ने एक महीने पहले कहा था कि सत्तारूढ़ दल के 100 विधायक भाजपा में 'जल्द' शामिल होंगे.भाटपार के चार बार के विधायक ने 27 मार्च को मीडियाकर्मियों को बताया कि कुछ विधायक आने वाले आम चुनावों से पहले भगवा पार्टी के पाले में आ जाएंगे, जबकि चुनाव के बाद और भी कई साथ आएंगे. उन्होंने कहा कि विधायक भाजपा नेताओं के साथ नियमित संपर्क में हैं.
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