प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) वाराणसी में एक बार फिर से सांसद चुने जाने के बाद सोमवार को पहली बार वाराणसी (काशी) पहुंचे. यहां पीएम मोदी (PM Modi) ने भगवान भोले नाथ के दर्शन किए. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) के साथ काशी (Kashi) पहुंचे. मोदी ने अपने इस एकदिवसीय दौरे की शुरुआत काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन से की. उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) भी थे. पीएम मोदी (PM Modi) काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) में पूजा-अर्चना के बाद पंडित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला केन्द्र में आयोजित समारोह को संबोधित किया. आइए जानते हैं पीएम मोदी की 10 बड़ी बातें-
PM मोदी ने भाषण में कही ये 10 बातें
एक मास पूर्व जब 25 तारीख को मैं यहां था तब जिस आन-बान-शान के साथ काशी ने एक विश्व रुप दिखाया था और वो सिर्फ काशी या उत्तर प्रदेश को प्रभावित करने वाला नहीं था उसने पूरे हिन्दुस्तान को प्रभावित किया.
मैं भी भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ता होने के नाते पार्टी और कार्यकर्ता जो आदेश करते हैं उसका पालन करने का मैं भरसक प्रयास करता हूं.
शायद ही कोई उम्मीदवार चुनाव के समय इतना निश्चिंत होता होगा, जितना मैं था. इस निश्चिंतता का कारण आपका परिश्रम और काशीवासियों का विश्वास था. नतीजे और मतदान दोनों समय मैं निश्चिंत था और बड़े मौज के साथ केदारनाथ में बाबा के चरणों में बैठ गया था.
इस चुनाव में अलग-अलग दलों के साथी और निर्दलीय साथी जो मैदान में थे, उनका भी मैं आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने पूरी गरिमा के साथ काशी के चुनाव अभियान को आगे बढ़ाया. मैं सभी अन्य उम्मीदवारों का मन से अभिनंदन करता हूं.
इस चुनाव में जब कार्यकर्ताओं के साथ मेरा मिलना हुआ था तो उस दिन मैंने कहा था कि यहां पर शायद नामांकन तो एक नरेंद्र मोदी का हुआ होगा, लेकिन ये चुनाव हर घर का नरेंद्र मोदी लड़ेगा, हर गली का नरेंद्र मोदी लड़ेगा.
मैं काशी के संगठन से जुड़े लोगों का, हर कार्यकर्ता का और हर समर्थक का इस बात के लिए आभार करता हूं कि उन्होंने इस चुनाव को जय-पराजय के तराजू से नहीं तोला. उन्होंने चुनाव को लोक संपर्क, लोक संग्रह, लोक समर्पण का पर्व माना. इस चुनाव की सभी कसौटियों पर आप डिस्टिंक्शन मार्क्स के साथ पास हुए हैं, इसलिए आप सभी अभिनंदन के पात्र हैं.
यहां की बेटियों ने जो स्कूटी यात्रा निकाली उसकी पूरे देश में और सोशल मीडिया में बड़ी चर्चा है, स्कूटी पर बैठकर हमारी बेटियों ने पूरी काशी को अपने सिर पर बैठा लिया था.
आज उत्तर प्रदेश देश की राजनीति को नई दिशा दे रहा है. 2014 हो, 2017 हो या 2019 हो, ये हैट्रिक छोटी नहीं है. उत्तर प्रदेश के गांव का गरीब व्यक्ति भी देश की सही दिशा के बारे में सोचता भी है और उस दिशा में चलता भी है.
चुनाव परिणाम वो तो एक गणित होता है. 20वीं सदी के चुनावों के हिसाब-किताब भी गणित और अंकगणित के दायरे में चले होंगे, लेकिन 2014, 2017 और 2019 के चुनाव में देश के राजनीतिक विश्लेषकों को मानना होगा कि अर्थमैटिक के आगे भी केमिस्ट्री होती है. देश में समाज शक्ति की जो कैमिस्ट्री है. आदर्शों, संकल्पों की जो कैमिस्ट्री है वो कभी-कभी सारे गुणा-भाग को, अंक गणित को पराजित कर देती है. इस चुनाव में अंक गणित को कैमिस्ट्री ने पराजित किया है.
पारदर्शिता और परिश्रम दो ऐसी चीजें हैं, हर परसेप्शन को परास्त करने का साहस रखते हैं. आज हिंदुस्तान ने ये करके दिखाया है. पारदर्शिता और परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है. सरकार का काम है कार्य करना और इसलिए एक तरफ सरकार का कार्य हो और उसमें जब कार्यकर्ता जुड़ जाता है तो 'कार्य+कार्यकर्ता' वो एक ऐसी ताकत है जो करिश्मा करती है.