तमिलनाडु में बीजेपी-एआईएडीएमके-पीएमके गठबंधन के जवाब में कांग्रेस-डीएमके-वीसीके का गठबंधन हो गया है. इसमें सीटों के बंटवारे को लेकर फैसला ले लिया गया है. तमिलनाडु की 39 सीटों में से डीएमके करीब 20 सीटों पर लड़ेगी. कांग्रेस को तमिलनाडु में 9 सीटें और पुद्दुचेरी की एक सीट मिलेगी. बची हुई सीटें छोटी पार्टियों को जाएंगी जिसमें वीसीके सबसे महत्वपूर्ण है जिसे एक या दो सीटें मिल सकती हैं.
वीसीके इस गठबंधन में पीएमके की काट है. किसी भी एक गठबंधन में पीएमके और वीसीके एक साथ नहीं रह सकती हैं क्योंकि दोनों का वोट बैंक एक ही है और अलग-अलग क्षेत्रों में ये बिखरी हुई हैं. कांग्रेस और डीएमके का साथ आना जरूरी था क्योंकि 2014 में दोनों अलग-अलग लड़ी थीं और नतीजा सामने है. इन्हें एक भी सीट नहीं मिली थी. हालांकि डीएमके को 23.6 फीसदी वोट मिले थे और कांग्रेस को 4.3 फीसदी.
यदि 2009 के आंकड़ों को देखें तो तस्वीर कुछ और है क्योंकि तब डीएमके और कांग्रेस साथ लड़ी थीं. तब डीएमके को 18 सीटें, कांग्रेस को 8 सीटें और वीसीके को एक सीट मिली थी. कांग्रेस-डीएमके का वोट प्रतिशत 42.5 फीसदी था.
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पिछले दिनों सबसे पहले स्टालिन ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की मांग की थी. तब से वे विपक्ष की जगह-जगह होने वाली रैलियों में भी शिरकत करते रहे हैं. उम्र के लिहाज से भी राहुल और स्टालिन युवा ही कहे जाते हैं और दोनों में दोस्ती भी है.
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सोनिया गांधी डीएमके नेता करुणानिधि को काफी सम्मान देती थीं जिसे राहुल गांधी ने बखूबी निबाहा है. लिहाजा कांग्रेस-डीएमके-वीसीके गठबंधन तय कर लिया गया और इसकी घोषणा कर दी गई.
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