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Election Results : NaMo ने बनाया BJP को 2014 से भी ज्‍यादा मजबूत, दूसरी बार केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार,10 बातें

Election Results 2019 : रूझानों में बीजेपी अपने पिछले चुनाव में हासिल की हुई सीट से ज्‍यादा अपने खाते में जोड़ रही है. बीजेपी 2014 के लोकसभा चुनाव में 282 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि इस बार वह इसे भी पार कर गई है.

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Lok Sabha Election 2019 : एग्जिट पोल ने दावा किया है कि बीजेपी सरकार बन सकती है
नई दिल्ली:

India Election Results 2019 : पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा ने चुनाव को बेशक रक्‍तरंजित बना दिया हो लेकिन जो परिणाम आ रहे हैं उससे यह साबित होते जा रहा है कि चुनाव कैसे इससे प्रभावित हुआ. बताया जा रहा है कि इसबार का चुनाव प्रचार अब तक का सबसे ज्यादा ध्रुवीकरण वाला रहा है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी की अगुवाई में बीजेपी को बहुमत मिला था. 30 साल बाद यह पहला मौका था किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत मिला हो. और यह अब दूसरी बार होगा कि कोई गैर कांग्रेसी सरकार अपने दम पर सरकार बनाने जा रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में 21 पार्टियां एक साथ हैं. वहीं उत्तर प्रदेश में सपा और बीएसपी मिलकर चुनाव लड़ रही हैं.

Election Results 2019 से जुड़ीं 10 बड़ी बातें

  1. बीते पांच सालों में पीएम मोदी को इस बात का श्रेय दिया जाता है कि उन्होंने बहुत सख्त तरीके से प्रशासन की बागडोर संभाली है. इसके  साथ ही मजबूत विदेश नीति और स्वच्छ भारत अभियान, मेक-इन-इंडिया जैसी योजनाओं को चलाया है. लेकिन विपक्ष की ओर से उन पर ढहती अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, किसानों की हालत और दक्षिणपंथी संगठनों की ओर से किए जा रहे हमलों को मुख्य मुद्दा बनाया है. लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों से खुश बीजेपी ने अगली सरकार के ब्लू प्रिंट पर काम करना शुरू कर दिया है जिसमें राष्ट्रवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास मुख्य रूप से शामिल हैं. 
  2. इस बार का चुनाव प्रचार काफी कटुतापूर्ण रहा है. जिसमें धर्म, जाति, समुदाय के आधार पर ध्रुवीकरण भी देखा गया. हालांकि बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद काफी हद तक राष्ट्रवाद के मुद्दे ने इन सभी को ढक लिया था.
  3. बीजेपी ने अपने चुनाव प्रचार में विकास के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को मुख्य मुद्दा बनाया था तो कांग्रेस ने रोजी-रोटी, किसानों के मुद्दे, नौकरी और आर्थिक नीतियों के आसपास अपना चुनाव प्रचार रखा. इसके साथ ही राफेल सौदे में घोटाले का आरोप भी लगाया.
  4. इस चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं के खिलाफ आयोग में शिकायत भी खूब हुई जिसमें पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह शामिल हैं. यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था. हालांकि बाद में चुनाव आयोग ने पीएम मोदी को क्लीनचिट दे दी थी. 
  5. पीएम मोदी को चुनाव आयोग की ओर से दी गई क्लीनचिट पर समिति में मतभेद भी सामने आ गए. चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने कहा कि  पीएम मोदी को क्लीन चिट दिए जाने पर वह सहमत नहीं थे और बाद में उन्होंने आयोग की बैठक में भी जाने से इनकार कर दिया.
  6. दिसंबर में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने वाली कांग्रेस ज्यादातर राज्यों में अकेले ही चुनाव लड़ी है. राहुल गांधी का कहना था कि वह फ्रंट फुट पर आकर खेलना चाहते हैं. इसके साथ ही उन्होंने अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस का महासचिव बनाकर उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल की जिम्मेदारी दे दी. पूर्वांचल मुख्य रूप से पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ का गढ़ रहा है.
  7. चुनाव से पहले ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बिहार में जेडीयू और महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन करने में कामयाबी पाई. वही कांग्रेस ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल के साथ समझौता नहीं कर सकी. 
  8. उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस को सपा और बसपा ने अपने गठबंधन में शामिल नहीं  किया. मायावती ने खुद ही पीएम बनने की इच्छा जाहिर कर दी है.  
  9. दूसरी ओर बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी खुद को राष्ट्रीय नेता के तौर पेश करने की कोशिश की है. वहीं बंगाल में बीजेपी ने 432 सीटों में से 23 सीटें  जीतने का दावा किया है. वहीं ओडिशा में  बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन दावा किया है. 
  10. विपक्ष ने मांग की है कि वीवीपैट का मिलान किया जाए. सु्प्रीम कोर्ट ने हर विधानसभा के 5 बूथों पर पर्चियों के मिलान का आदेश दिया है. वहीं विपक्ष ईवीएम के संदिग्ध आवाजाही पर संदेश जाहिर किया है. 

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