Lok Sabha Election 2019: बसपा प्रमुख मायावती नहीं लड़ेंगी लोकसभा चुनाव, कहा- मैं कभी भी चुनकर संसद में जा सकती हूं

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती (BSP Chief Mayawati ) लोकसभा चुनाव नहीं लडे़ंगी. बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा कि मैं कभी भी चुनकर संसद में जा सकती हूं.

Lok Sabha Election 2019: बसपा प्रमुख मायावती नहीं लड़ेंगी लोकसभा चुनाव, कहा- मैं कभी भी चुनकर संसद में जा सकती हूं

बसपा प्रमुख मायावती (BSP Chief Mayawati ) लोकसभा चुनाव नहीं लडे़ंगी.

खास बातें

  • बीएसपी चीफ मायावती नहीं लड़ेंगी चुनाव
  • कहा- चुनाव में गठबंधन का जीतना ज्यादा जरूरी
  • बोलीं, मैं कभी भी चुनकर संसद जा सकती हूं
नई दिल्ली :

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती (BSP Chief Mayawati ) लोकसभा चुनाव नहीं लडे़ंगी. बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा कि मैं कभी भी चुनकर संसद में जा सकती हूं. अभी पिछड़ों के लिए लड़ना है और पूरे यूपी पर ध्यान केंद्रित करना है. मायावती (Mayawati) ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन का जीतना ज्यादा जरूरी है. यह बहुत महत्वपूर्ण है. राजनीति में कई बार कड़े फैसले लेने पड़ते हैं. अभी देशहित और पार्टी के मूवमेंट को देखते हुए चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है. अगर चुनाव बाद मौका आएगा तो देखा जाएगा. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में इस बार सपा और बसपा मिलकर चुनाव लड़ रही हैं. 

यूपी में सपा-बसपा के बीच चुनावी गठबंधन के तहत सपा के हिस्से 37 सीटें आयी हैं. उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से बसपा 38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. अजित सिंह के रालोद को तीन सीटें दी गयी हैं जबकि गठबंधन ने दो सीटें सोनिया गांधी का निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली और राहुल गांधी का क्षेत्र अमेठी से प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला किया है. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के बीच लोकसभा चुनाव (Lok sabha Election 2019) से ठीक पहले हुआ गठबंधन सत्ताधारी बीजेपी (BJP) की मुश्किलें बढ़ा रहा है. उत्तर प्रदेश में लोगों के बीच इस गठबंधन को लेकर मौजूद उत्साह यह बताता है कि बीजेपी को आगामी लोकसभा चुनाव में सीटों का बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में कुल 80 में से 71 सीटें जीती थीं. जबकि बीजेपी की सहयोगी अपना दल ने भी दो सीटें जीती थीं. इस तरह से एनडीए (NDA) के पास कुल 73 सीटें थी.

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37 सीटों पर सिमट सकती है एनडीए

एनडीटीवी के डॉ. प्रणय रॉय के विश्लेषण के अनुसार मायावती और अखिलेश यादव इस बार एनडीए के 2014 में जीते गए 73 सीटों के आंकड़े को महज 37 सीटों तक सीमित रख सकते हैं. डॉ. रॉय के विश्लेषण के अनुसार बीजेपी इतनी सीटें भी तभी ला सकती है अगर पीएम मोदी 2014 के लोकसभा चुनाव की तरह ही राज्य में अपनी कोई छाप छोड़ने में सफल हो पाएं. वहीं, अगर कांग्रेस इस गठबंधन के साथ आती है तो बीजेपी को और 14 सीटें गवानी पड़ सकती है, जिसका मतलब साफ तौर पर यह हुआ कि इस बार बीजेपी के उत्तर प्रदेश में महज 23 सीटें ही जीत दर्ज करने की संभावना दिख रही है. 

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मौजूदा स्थित के अनुसार कांग्रेस को मायावती और अखिलेश यादव ने अपने गठबंधन का हिस्सा नहीं बनाया है. अगर चुनाव तक कांग्रेस इस गठबंधन से बाहर रहती है तो इसका फायदा बीजेपी को होता दिख रहा है. ऐसे में बीजेपी 14 सीटें जीत सकती है. मायावती और अखिलेश यादव जिस तरह से कांग्रेस को अपने गठबंधन से बाहर रखने पर अड़े हैं. इसका साफ मतलब यह निकलता है कि 80 में से ज्यादातर सीटों पर त्रिकोणिय मुकाबला होगा और ऐसी स्थिति में बीजेपी विरोधी मतों का विभाजन होगा. 

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