पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. एस कृष्णा कुमार (Dr S Krishna Kumar) ने कांग्रेस (Congress) को बड़ा झटका दिया है. उन्होंने शनिवार को भाजपा (BJP) नेता शहनवाज हुसैन और अनिल बलूनी की मौजूदगी में भाजपा ज्वाइन कर ली है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुमार ने कहा, 'एक विकासात्मक कार्यकर्ता के रूप में मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ज्ञान की गहराई और राजनीतिक इच्छा शक्ति की सराहना की है. मैंने अपना बाकी जीवन नरेंद्र मोदी के सैनिक के रूप में समर्पित करने का फैसला किया है.' साथ ही कहा कि मुझे लगता है कि पीएम मोदी को पांच साल के लिए नहीं, बल्कि दस साल के लिए लोग जनादेश दें, ताकि वह भारत को विश्व में टॉप पर ले जाएं.' 1963 बैच के आईएएस अधिकारी कुमार ने कहा कि वह यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व के खिलाफ थे.
कुमार ने साथ ही कहा, 'मैं तीन बार कांग्रेस सांसद रहा हूं, लेकिन यूपीए के समय में मैं सोनिया गांधी के नेतृत्व और अब मैं उनके बेटे के नेतृत्व के खिलाफ हूं. मैं राजीव गांधी का काफी करीबी था, लेकिन मुझे लगता है कि उनके बाद देशभक्त प्रधानमंत्री को इस देश को चलाना चाहिए.' कुमार ने साथ ही आरोप लगाया कि यूपीए चेयरपर्सन के पास भारतीय विरासत के बारे में कोई जानकारी नहीं है और ना ही देश के प्रति उनमें कोई प्रेम है.
कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दिया
'मुझे पता है कि अनुभव के कारण, मैं हाशिए पर था क्योंकि मैं उसके आसपास के लोगों का हिस्सा नहीं था जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं. जब नरसिम्हा राव जी का अहमद पटेल और सोनिया गांधी की साजिश की वजह से सम्मानजनक अंतिम संस्कार नहीं किया गया तो मैं दुखी था.' कुमार केरल की कोल्लम लोकसभा सीट से तीन बार कांग्रेस सांसद रहे हैं.
बता दें, कुमार से पहले कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी पार्टी से नाजर होकर इस्तीफा दे दिया था. प्रियंका चतुर्वेदी ने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट के जरिए अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई बदसलूकी से निराशा जाहिर की थी. प्रियंका पिछले दिनों यूपी के मथुरा में थीं. यहां राफेल डील को लेकर हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अभद्र व अमर्यादित व्यवहार किया था. जिस पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने संज्ञान में लेकर कार्यकर्ताओं के विरूद्ध त्वरित कार्यवाही की. हालांकि बाद में घटना का खेद प्रकट करने पर कार्रवाई को निरस्त कर दिया.
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इस पूरे मसले पर अफसोस प्रकट करते हुए प्रियंका चतुर्वेदी ने अपनी दुख जाहिर किया. प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा, ''बड़े ही दुख की बात है कि पार्टी मारपीट करने वाले बदमाशों को अधिक वरीयता देती है, बजाय जो खून पसीने के साथ काम करते हैं. पार्टी के लिए मैंने अभद्र भाषा से लेकर हाथापाई तक झेली, लेकिन फिर भी जिन लोगों ने मुझे पार्टी के अंदर धमकी दी, उनके साथ कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई. वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं.''
(इनपुट एएनआई)
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