देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रचंड लहर पर सवार भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करके लगातार दूसरी बार केंद्र में सरकार बनाने जा रही है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि मोदी लहर के बावजूद भी बीजेपी के 4 बड़े नेताओं को हार का सामना करना पड़ा.चुनाव आयोग (Election Commission) से मिल रहे नतीजों के मुताबिक बीजेपी अब तक 302 सीटें जीत चुकी है और 1 सीट पर आगे चल रही है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 282 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल उसके सहयोगी लगभग 350 सीटों पर जीत हासिल करते हुए दिख रहे है. एनडीए ने पिछले लोकसभा चुनाव में 336 सीटों पर विजय हासिल की थी. जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) देश के तीसरे और पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री है जो लोकसभा में लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने दूसरी बार इस धारणा को तोड़ दिया है कि केन्द्र की सत्ता में अब गठबंधन का दौर शायद ही खत्म हो.
ये भी पढ़ें: Election Results 2019: इस लोकसभा चुनाव में कुल कितने मुसलमान सांसद बने? जानें कुछ रोचक आंकड़े
संबित पात्रा
ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले बीजेपी उम्मीदवार डॉ संबित पात्रा हार गए हैं. उन्हें बीजेडी के पिनाकी मिश्रा ने 11,714 वोटों से हराया. संबित पात्रा को कुल 46.37 फीसदी वोट मिले हैं वहीं पिनाकी को 47.4 फीसदी वोट मिले हैं. पुरी से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सत्य प्रकाश नायक को मात्र 44,734 वोट से संतोष करना पड़ा. गौरतलब है कि संबित पात्रा ने पुरी में जमकर चुनाव प्रचार किया था और उनकी गरीब लोगों के घर पर खाना खाने की तस्वीरें और वीडियो भी खूब वायरल हुए थे. पात्रा ने चुनाव प्रचार के दौरान धोती-कुर्ता पहना था और माथे पर चंदन लगाकर वोट मांगते दिखाई दिए थे. हालांकि उनकी यह कोशिश नाकाम रही और वह चुनाव हार गए.
मनोज सिन्हा
यूपी के गाजीपुर से केंद्रीय मंत्री और भाजपा प्रत्याशी मनोज सिन्हा, बसपा के अफजाल अंसारी से 1.19 लाख वोटों से चुनाव हार गए. चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार सिन्हा एक लाख 19 हजार 392 वोटों से अफजाल अंसारी से चुनाव हार गए. सिन्हा को चार लाख 46 हजार 690 वोट मिले जबकि बसपा के अफजाल अंसारी को पांच लाख 66 हजार 82 वोट मिले. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर सिन्हा 32 हजार वोटों से चुनाव जीते थे.
ये भी पढ़ें:PM मोदी की अगुवाई में BJP 'अबकी बार 300 पार', जानिए किस राज्य में कितनी सीटें मिली
दिनेश लाल यादव निरहुआ
दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने यूपी की आजमगढ़ सीट से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन यहां उनका जादू नहीं चल सका. पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने उन्हें 2 लाख से ज्यादा वोटों से हरा दिया. निरहुआ ने 7 मार्च 2019 को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में बीजेपी ज्वाइन की थी. बीजेपी में शामिल होने के अगले महीने ही पार्टी ने उन्हें आजगमढ़ लोकसभा सीट से कैंडिडेट चुना. उनका मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से था.
जया प्रदा
रामपुर लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के आजम खान ने भाजपा की प्रत्याशी जया प्रदा को एक लाख से अधिक वोटो से हरा दिया. चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार सपा प्रत्याशी आजम खान ने अपनी निकटतम प्रतिद्वन्दी जया प्रदा को एक लाख 9 हजार 997 वोटों से हरा दिया. 2019 के आम चुनावों से पहले ही जयाप्रदा ने बीजेपी का दामन थाम लिया. इससे पहले वह समाजवादी पार्टी में थीं लेकिन सपा से अलग होने के बाद वह अमर सिंह की बनाई पार्टी राष्ट्रीय लोक मंच में शामिल हो गईं लेकिन इस पार्टी से उन्हें जीत हासिल नहीं हुई. इसके बाद जयाप्रदा राष्ट्रीय लोकदल (RLD) में भी रहीं.
स्मृति ईरानी ने अमेठी में राहुल गांधी को हराया
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं