लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में करारी हार के कारणों पर मंथन करने के लिए कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (CWC) शनिवार को बैठक करेगी. सूत्रों का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस बैठक में अपने इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं. कांग्रेस (Congress) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘सीडब्ल्यूसी की बैठक में मुख्य रूप से हार के कारणों पर विचार किया जाएगा. इस बारे में भी चर्चा होगी कि पार्टी को किस तरह से मजबूत किया जा सकता है.' इस बैठक में राहुल गांधी के अलावा यूपीए प्रमुख सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कार्यसमिति के अन्य सदस्य शामिल हो सकते हैं. गौरतलब है कि इस लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा. वह 52 सीटों पर सिमट गई है. 2014 के चुनाव में 44 सीटें जीतने वाली पार्टी को इस बार बेहतर की उम्मीद थी, लेकिन उसकी उम्मीदों पर पानी फिर गया.
वहीं दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख राज बब्बर ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजीव बक्शी ने शुक्रवार को पीटीआई भाषा को बताया कि बब्बर ने राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है. बक्शी ने बताया कि बब्बर ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया है.
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इससे पहले बब्बर ने ट्वीट किया, ''यूपी कांग्रेस के लिए परिणाम निराशाजनक हैं. अपनी जिम्मेदारी को सही तरीके से नहीं निभा पाने के लिए खुद को दोषी पाता हूं. नेतृत्व से मिलकर अपनी बात रखूंग. जनता का विश्वास हासिल करने के लिए विजेताओं को बधाई.' यूपी की बात करें तो यहां 80 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस सिर्फ एक रायबरेली सीट जीत पायी, जहां से सोनिया गांधी चुनाव लड़ी थीं. फतेहपुर सीकरी से राज बब्बर चुनाव हार गये हैं.
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इसके अलावा ओडिशा में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में हार के मद्देनजर प्रदेश कांग्रेस समिति अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफे की घोषणा की. पटनायक ने मीडिया से कहा, ‘प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मैंने अपना त्यागपत्र कांग्रेस अध्यक्ष को भेज दिया है.' कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘राज्य में कांग्रेस तो हारी ही है, मैं स्वयं भी हार गया.' जनता का भरोसा जीतने में कांग्रेस के विफल रहने की बात स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि अवसरवादियों की पहचान कर पार्टी को अब राज्य में बेहतर स्तर पर खड़ा करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है और युवाओं को आकर्षित करने की जरूरत है.
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साथ ही पटनायक ने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता नरसिंह मिश्र की अगुवाई में एक समिति का गठन किया गया है जो प्रदेश में पार्टी की इस जबरदस्त हार के कारणों का पता लगाएगी. राज्य में हुए लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा है. प्रदेश में पार्टी को लोकसभा की एक सीट पर तथा विधानसभा में केवल नौ सीटों से ही संतोष करना पड़ा है. ओडिशा की 147 सदस्यीय विधानसभा के लिए 2014 में कराए गए चुनाव में पार्टी को 16 सीटें मिली थीं.
(इनपुट- भाषा)
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