चुनाव आयोग ने केन्द्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरिराज सिंह को उनके साम्प्रदायिक बयानों के लिये रविवार को चेतावनी दी. आयोग ने उनके बयान की निंदा करते हुए उन्हें आचार संहिता लागू रहने के दौरान अपने बयानों के लेकर सावधान रहने को कहा. चुनाव आयोग ने कहा कि सिंह ने आचार संहिता के प्रावधानों और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन किया, जिसमें कहा गया है कि प्रचार के दौरान दिये जाने वाले बयानों में धर्म का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
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बिहार में बेगूसराय जिला प्रशासन ने गिरिराज सिंह की 24 अप्रैल की रैली पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मुसलमानों को लेकर विवादित बयान देकर चुनाव आचार संहिता और जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन करने के लिए 25 अप्रैल को उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था. गिरिराज की उस रैली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद थे. गिरिराज सिंह ने बेगूसराय में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, "जो वंदेमातरम नहीं कह सकते या मातृभूमि का सम्मान नहीं कर सकते, देश उन्हें कभी माफ नही करेगा. मेरे पूर्वजों का सिमरिया घाट पर निधन हो गया था और उन्हें कब्र की आवश्यकता नहीं थी, लेकिन आपको तीन हाथ जगह की जरूरत होती है." 2014 के चुनाव में सांप्रदायिक बयानों के चलते बिहार और झारखंड में उनके प्रचार करने पर रोक लगा दी गई थी. (इनपुट भाषा से)
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