योगी आदित्यनाथ और मायावती पर चुनाव आयोग की कार्रवाई
लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी पार्टियां पूरी ताकत झोंक रही है, मगर इस बीच योगी आदित्यनाथ और मायावती पर चुनाव आयोग का डंडा चला है. चुनाव आयोग ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा प्रमुख मायावती को रैली और रोड शो करने से से बैन कर दिया है. चुनाव आयोग ने योगी आदित्यनाथ को 72 घंटे और मायावती को 48 घंटे के लिए रैली और रोड शो करने पर बैन लगा दिया है. चुनाव आयोग का यह बैन 16 अप्रैल की सुबह 6 बजे से लागू होगा.
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बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग ने योगी आदित्यनाथ और मायावती को उनके भाषणों में आपत्तिजनक बयानों के जरिए आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए ऐसा बन लगाया है. चुनाव आयोग ने इन दोनों को आचार संहिता के उल्लंघन में दोषी पाया है. बता दें कि चुनाव आयोग की यह बड़ी कार्रवाई ऐसे वक्त में आई है जब सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले ही पूछा था कि विद्वेष फैलाने वाले भाषणों को लेकर निर्वाचन आयोग ने अब तक क्या कार्रवाई की है.
Election Commission bans UP CM Yogi Adityanath and BSP chief Mayawati from election campaigning for 72 hours & 48 hours respectively, starting from 6 am tomorrow, for violating Model Code of Conduct by making objectionable statements in their speeches. #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/j1cYzMY8Mr
— ANI UP (@ANINewsUP) April 15, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से किया था सवाल:
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान बसपा प्रमुख मायावती और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कथित रूप से विद्वेष फैलाने वाले भाषणों का सोमवार को संज्ञान लिया और निर्वाचन आयोग से जानना चाहा कि उसने इनके खिलाफ अभ्री तक क्या कार्रवाई की है. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ ने चुनाव प्रचार के दौरान जाति एवं धर्म को आधार बना कर विद्वेष फैलाने वाले वाले भाषणों निबटने के लिये आयोग के पास सीमित अधिकार होने के कथन से सहमति जताते हुये निर्वाचन आयोग के एक प्रतिनिधि को मंगलवार को तलब किया है. पीठ ने निर्वाचन आयोग के इस कथन का उल्लेख किया कि वह जाति और धर्म के आधार पर विद्वेष फैलाने वाले भाषण के लिये नोटिस जारी कर सकता है, इसके बाद परामर्श दे सकता है ओर अंतत: ऐसे नेता के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में शिकायत दर्ज करा सकता है.
मायावती का 'सेल्फ गोल'? मुस्लिम वाले बयान पर चुनाव आयोग सख्त, मांगी रिपोर्ट
मायावती के बयान पर चुनाव आयोग ने मांगी थी रिपोर्ट:
चुनाव आयोग ने रविवार को सहारनपुर के देवबंद में आयोजित महागठबंधन की चुनावी रैली में बसपा प्रमुख मायावती द्वारा 'मुस्लिम' शब्द का इस्तेमाल किए जाने पर जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेंकटेश्वर लू ने बताया कि उन्होंने मायावती द्वारा रैली में अपने भाषण में मुस्लिम शब्द का इस्तेमाल करते हुए वोट की अपील किए जाने पर जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने बताया कि मायावती के इस बयान पर कई शिकायतें मिली थी, जिसके बाद आयोग ने यह कदम उठाया है.
देवबंद में मायावती ने क्या कहा था:
देवबंद में सपा-बसपा-रालोद महागठबंधन की पहली चुनावी रैली में मायावती ने मुस्लिम मतदाताओं का आह्वान करते हुए कहा था कि भाजपा को कांग्रेस नहीं हरा सकती. उसे सिर्फ महागठबंधन हरा सकता है, लिहाजा मुस्लिम मतदाता कांग्रेस को वोट देकर उसे ज़ाया करने के बजाय महागठबंधन प्रत्याशियों के पक्ष में एक तरफा मतदान करें.
भाजपा ने जताया था विरोध:
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर ने मायावती के इस बयान की शिकायत चुनाव आयोग से की है. उनका कहना है कि मायावती द्वारा मुसलमानों से एक राजनीतिक दल को वोट न देने की अपील करना धार्मिक उन्माद फैलाने वाला है. साथ ही यह चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन भी है, लिहाजा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. वहीं दूसरी ओर मायावती का ऐसा बयान ध्रुवीकरण को भी बढ़ावा दे सकता है जिसका नुकसान महागठबंधन को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उठाना पड़ सकता है क्योंकि मुस्लिमों से एकतरफा वोट की अपील पर हिंदू वोटरों पर इसका उल्टा असर हो सकता है.
योगी के इस भाषण पर हुई कार्रवाई:
बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस-बीएसपी-एसपी को 'अली' पर विश्वास है तो हमें भी बजरंगबली पर विश्वास है. योगी आदित्यनाथ ने इससे पहले भी बजरंगबली को लेकर बयान दिया था, जिस पर चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया था.
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