द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) अध्यक्ष एम के स्टालिन ने शनिवार को कहा कि केंद्र की सरकार एक भी राज्य की अनदेखी नहीं कर सकती और अब केवल हिंदी भाषी राज्य भारत नहीं हैं. लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु में अपनी पार्टी के प्रदर्शन से उत्साहित द्रमुक अध्यक्ष ने पहली बार कहा कि उनकी पार्टी अन्य राज्यों में क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर बीजेपी का मुकाबला करेगी. पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखे खुले पत्र में स्टालिन ने कहा, ‘द्रमुक दूसरे राज्यों में तमिलनाडु के मॉडल को लागू करने के लिए सकारात्मक कदम उठाएगा और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए प्रतिबद्ध ताकतों के साथ समन्वय करेगा.'
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स्टालिन ने उस दिन यह बात कही जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एनडीए का नेता चुना गया. उन्होंने कहा, ‘वो दिन अब लद गये जब केवल हिंदी भाषी राज्य भारत होते थे.' उन्होंने कहा कि भविष्य राज्यों के इर्दगिर्द घूमने वाली सकारात्मक राजनीति का है. स्टालिन ने कहा कि केंद्र में जो भी पार्टी सत्ता में रहे, एक भी राज्य की अनदेखी नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि जनता के हितों की रक्षा के लिए संसद और राज्य विधानसभा में द्रमुक की आवाज गूंजेगी.
स्टालिन ने कहा, 'कोई भी पार्टी केंद्र में आ जाए, वह राज्यों को नजरअंदाज नहीं कर सकती है.' द्रमुक प्रमुख के अनुसार, उनकी पार्टी अन्य राज्यों में भी तमिलनाडु की रणनीति को लागू करने के लिए धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एक साथ लाने के लिए कदम उठाएगी.
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बता दें द्रमुक ने तमिलनाडु में 23 सीटें जीती हैं और उसकी अगुवाई वाला गठबंधन 38 में से 37 सीटों पर विजय प्राप्त कर चुका है. (इनपुट- भाषा)