कांग्रेस द्वारा बीजेपी के गढ़ भोपाल संसदीय सीट से दिग्विजय सिंह को चुनाव मैदान में उतारने के चौंकाने वाले फैसले ने बीजेपी खेमे को निश्चित रूप से सोचने पर मजबूर किया है. ऐसी खबरें हैं कि पार्टी अपनी रणनीति पर फिर से काम कर रही है और दो बार मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह के खिलाफ कोई मजबूत उम्मीदवार उतार सकती है. यह उम्मीदवार शिवराज सिंह चौहान भी हो सकते हैं जो खुद तीन बार राज्य के सीएम रहे हैं.
पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनावों में शिवराज सिंह चौहान को कांग्रेस के हाथों हार का सामना करना पड़ा था लेकिन तब से उन्होंने खुद को राज्य प्रति समर्पित किया हुआ है. उन्होंने हर मौके पर राज्य की कमलनाथ सरकार और कांग्रेस को घेरा है और खुद को उसका सबसे बड़ा आलोचक भी साबित किया है.
शिवराज सिंह चौहान विदिशा लोकसभा सीट से 15 साल तक सांसद रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री नामित किए जाने के बाद उन्होंने बुधनी क्षेत्र चुना जिसका वो आज भी प्रतिनिधित्व करते हैं. लेकिन 2008 में हुए मालेगांव धमाके की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, जिन्हें बाद में कोर्ट ने बरी कर दिया था, ने भी दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है.
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भोपाल लोकसभा सीट पर करीब तीन दशक से बीजेपी का कब्जा है. कांग्रेस नेता शंकर दयाल शर्मा, जो देश के राष्ट्रपति भी रहे ने 1984 में इस सीट पर जीत दर्ज की थी.
1989 से लेकर बीजेपी के सुशील चंद्र वर्मा ने तीन पर यहां का प्रतिनिधित्व किया. 1999 में उमा भारती यहां से जीतीं लेकिन मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. वर्तमान में अशोक सांझर भोपाल से सांसद हैं.
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दिग्विजय सिंह की एंट्री से पहले शहर के मेयर आलोक शर्मा और पार्टी के महासचिव वीडी शर्मा को संभावित उम्मीदवार के रूप में देख रही थी.
वैसे तो बीजेपी यह जता रही है कि सबकुछ ठीक है. पार्टी के प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कांग्रेस के इस कदम को 'गुटबाजी' करार दिया. कोठारी ने NDTV से कहा, 'ये इसलिए किया गया है कि अगर पार्टी हारी तो भी कमलनाथ के वर्चस्व को कोई चुनौती न दे सके.
लेकिन निजी तौर पर नेताओं ने माना की कुछ चिंता की बातें तो हैं. इस लोकसभा क्षेत्र में स्थित 8 विधानसभा क्षेत्रों में से 3 कांग्रेस के साथ हैं.
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दिग्विजय सिंह ने यहां से चुनाव लड़ने के लिए हामी तब भरी जब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें 'सबसे कठिन सीट' से चुनाव लड़ने की चुनौती दी. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिग्विजय की उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया था. कमलनाथ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए दिग्विजय ने कहा था कि वो राजगढ़ से लड़ना चाहेंगे लेकिन साथ ही ये भी जोड़ दिया कि पार्टी जैसा निर्देश देगी वो उसका पालन करेंगे. दिग्विजय 2 दफे राजगढ़ से सांसद रह चुके हैं.
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