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This Article is From Mar 25, 2019

जमुई से प्रत्याशी चिराग पासवान की पूरी कहानी, बॉलीवुड में फ्लॉप लेकिन राजनीति में अब तक हिट

बॉलीवुड में 'मिले ना मिले हम' से इंट्री की लेकिन बॉक्‍स ऑफिस पर सफलता नहीं मिल पाई. इस कारण चिराग का करियर बॉलीवुड में वहीं समाप्‍त हो गया. इसके बाद वो राजनीति में अपने करियर को बनाने में लग गए.

जमुई से प्रत्याशी चिराग पासवान की पूरी कहानी, बॉलीवुड में फ्लॉप लेकिन राजनीति में अब तक हिट
राम विलास पासवान के साथ चिराग (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

लोक जनशक्‍ति पार्टी के युवा नेता चिराग पासवान बिहार के जमुई  से दूसरी बार अपनी किस्‍मत आजमा रहे हैं. बॉलीवुड में 'मिले ना मिले हम' की असफलता ने चिराग पासवान को राजनीति में आने का रास्‍ता दिखा दिया. भारतीय राजनीति में कई दशकों से सक्रिय अपने पिता रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत को संभालने का काम चिराग पासवान बखूबी कर रहे हैं. बीजेपी के साथ गठबंधन के तहत रामविलास पासवान 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. चिराग पासवान की कंप्‍यूटर साइंस में बी.टेक हैं. बॉलीवुड में 'मिले ना मिले हम' से इंट्री की लेकिन बॉक्‍स ऑफिस पर सफलता नहीं मिल पाई. इस कारण चिराग का करियर बॉलीवुड में वहीं समाप्‍त हो गया. इसके बाद वो राजनीति में अपने करियर को बनाने में लग गए. 2014 के लोकसभा चुनाव में में रामविलास पासवान ने अपने पुत्र चिराग पासवान की बातों पर भरोसा करते हुए एनडीए में शामिल होने का निर्णय किया. 

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बिहार की राजनीति में मजबूती के साथ दखल रखने वाले रामविलास पासवान की उस समय जमकर आलोचना हुई. लेकिन लोकसभा चुनाव परिणाम ने उनके निर्णय को सही साबित कर दिया.  2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को भारी सफलता मिली और लोक जनशक्‍ति पार्टी ने सात में से छह सीटों पर अपनी जीत दर्ज की. जुमई से चिराग पासवान की जीत ने उन्‍हें संसद पहुंचा दिया था. हा‍जीपुर से रामविलास पासवान की जीत हुई थी. जमुई में दूसरे नंबर पर राष्‍ट्रीय जनता दल के सुधांशु शेखर भास्‍कर रहे.  चिराग पासवान ने 85 हजार मतो से आरजेडी प्रत्‍याशी को पराजित कर दिया था.  

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जेडीयू नेता नीतीश कुमार और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बीच लोकसभा सीटों के लिए कोई समझौता नहीं हुआ था. इसका असर यह हुआ कि विपक्ष का वोट बिखर गया और इसका फायदा एनडीए को हुआ. बिहार के कद्दावर नेता नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव को इस बात का अहसास हो गया कि बिखरे हुए वोट अगर इकट्ठे हो जाए तभी उन्‍हें बिहार की सत्‍ता में रह सकते हैं और यही हुआ भी. नीतीश कुमार की जेडीयू और लालू प्रसाद यादव की आरजेडी में गठबंधन हुआ और इस गठबंधन ने बिहार में शानदार जीत दर्ज की. जीत के बाद नीतीश कुमार मुख्‍यमंत्री बने और तेजस्‍वी यादव को उपमुख्‍यमंत्री बनाया गया. विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान काफी सक्रिय रहे लेकिन इसका फायदा उन्‍हें नहीं मिल पाया. फिलहाल इस बार भी चिराग पासवान जमुई से चुनाव लड़ रहे हैं. इस बार उनका मुकाबला उपेद्र कुशवाहा की राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी के उम्‍मीदवार भूदेव चौधरी से है.

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