
दिल्ली पुलिस की नारकोटिक्स सेल ने एक पिता और उसके बेटे को नशीले पदार्थ बेचने के जुर्म में गिरफ्तार किया है. आरोपी पिता का दावा है कि वो 2 बार नई दिल्ली लोकसभा से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव भी लड़ चुका है, और इस बार भी लड़ने वाला था. पुलिस के मुताबिक 50 साल के पिता का नाम बासुदेव दास है जबकि 22 साल के बेटे का नाम बादल दास है. ये दोनों उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और नेपाल ने नशीले पदार्थ लाते थे और फिर इन्हें इंडिया गेट के आसपास बेचते थे. फिलहाल इनके पास से लाखों रुपये की साढ़े तीन किलो चरस मिली है.
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आरोपी मूलरूप से उड़ीसा के रहने वाले हैं. बासुदेव 7वीं तक पढ़ा है, वो 2001 में दिल्ली आया और उत्तम नगर के नवादा इलाके में रहने लगा. बासुदेव दिव्यांग है, उसने दिव्यांगों के लिए हैंडीकैप असोसिएशन का गठन किया, उसके बाद वो इसी इलाके में कुछ नाइज़ीरियन लोगों के संपर्क में आ गया, जो नशीले पदार्थों का धंधा करते थे. जल्दी पैसा कमाने के लालच में बासुदेव भी इनके साथ काम करने लगा. लेकिन 2012 में उसे दिल्ली पुलिस ने नशीले पदार्थ बेचने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया.
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जेल से आने के बाद उसने राष्ट्रीय दिव्यांग सेना का गठन किया और खुद को उसका राष्ट्रीय अध्यक्ष बना लिया, जिसका ऑफिस सन्त नगर में था. उसके बाद उसने नई दिल्ली इलाके में एक दूध डेयरी भी किराये पर चलाई, लेकिन 2015 में वो डेयरी बन्द कर अपने बेटे के साथ फिर से नशे के कारोबार में उतर आया. उसने हाल ही में अपना आरओ वाटर का काम भी शुरू किया था.
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