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This Article is From Apr 30, 2019

भारतीय सेना को दिखे Yeti के पैर के निशान, तो अखिलेश यादव बोले- हिममानव की तरह 'अच्छे दिन' भी ढूंढ़ने से नहीं मिल रहे

भारतीय सेना के पर्वतारोहण अभियान दल ने मकालू बेस कैंप के करीब हिममानव 'येति' के रहस्यमयी पैरों के निशान देखे हैं.

भारतीय सेना को दिखे Yeti के पैर के निशान, तो अखिलेश यादव बोले- हिममानव की तरह 'अच्छे दिन' भी ढूंढ़ने से नहीं मिल रहे
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव.
लखनऊ:

भारतीय सेना (Indian Army) ने दावा किया है कि एक अभियान दल ने हिमालय के मकालू बेस कैंप के पास मायावी हिममानव 'येति' (Yeti) के रहस्यमय पैरों के निशान को देखा है. सेना के अतिरिक्त सूचना महानिदेशालय ने सोमवार को ट्वीट किया, 'पहली बार, भारतीय सेना के पर्वतारोहण अभियान दल ने मकालू बेस कैंप के करीब हिममानव 'येति' के रहस्यमयी पैरों के निशान देखे हैं.' इसके साथ ही कहा था कि 'इस मायावी हिममानव को इससे पहले सिर्फ मकालू-बरुन नेशनल पार्क में देखा गया है.' इसके बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इसको लेकर पीएम मोदी सरकार पर निशाना साधा. अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा, 'Yeti की तरह 'अच्छे दिन' भी ढूंढ़ने से नहीं मिल रहे.'

मकालू-बरुन राष्ट्रीय उद्यान नेपाल के लिंबुवान हिमालय क्षेत्र में स्थित है. यह दुनिया का एकमात्र संरक्षित क्षेत्र है जिसमें 26,000 फुट से अधिक उष्णकटिबंधीय वन के साथ-साथ बर्फ से ढकी चोटियां हैं. येति एक वानर जैसा प्राणी है, जो औसत मानव से बहुत अधिक लंबा और बड़ा है. यह मोटे फर में ढका हुआ होता है और माना जाता है कि यह हिमालय, साइबेरिया, मध्य और पूर्वी एशिया में रहता है. इस प्राणी को आमतौर पर एक किंवदंती के रूप में माना जाता है क्योंकि इसके अस्तित्व का कोई ठोस सबूत नहीं है.

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इससे पहले लद्धाख के पास कुछ बौद्ध भिक्षुओं ने भी कई साल पहले दावा किया था कि उन्होंने हिममानव येति देखे हैं. वहीं कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि यह कोई हिममानव नहीं है यह पहाड़ों में पाए जाने भालुओं की एक विशेष नस्ल है.

बता दें, अखिलेश यादव ने नरेंद्र मोदी के उस दावे की तीखी आलोचना की है कि तृणमूल कांग्रेस के 40 विधायक उनके संपर्क में हैं और कहा कि उनके इस 'शर्मनाक' भाषण के लिए उन पर '72 साल का प्रतिबंध' लगाया जाना चाहिए. चुनाव आयोग ने हाल में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं पंजाब के मंत्री नववोज सिंह सिद्धू समेत कई नेताओं पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर उनके प्रचार करने पर 72 घंटे की रोक लगा दी थी.

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अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, 'विकास पूछ रहा है...क्या आपने प्रधानजी (प्रधानमंत्री) का शर्मनाक भाषण सुना? 125 करोड़ देशवासियों का भरोसा खोने के बाद अब वह 40 विधायकों की ओर से कथित रूप से दिए गए दलबदल के अनैतिक आश्वासन के भरोसे हैं. यह उनके काले धन की मानसिकता दर्शाता है. उन पर 72 घंटे नहीं बल्कि 72 साल का प्रतिबंध लगना चाहिए.'

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