भुवनेश्वर:
बच्चों के लिए पुस्तकों के लेखक रमेंद्र कुमार ने कहा कि प्रौद्योगिकी से चुनौती के बावजूद लोगों में पढ़ने की लालसा अब भी है क्योंकि पुस्तक मेला पाठकों के साथ-साथ लेखकों के संवर्धन के लिए आदर्श मंच प्रदान करते हैं.
उन्होंने कहा कि पुस्तक मेलों, साहित्यिक बैठकों और प्रदर्शनी में अपने अनुभवों के आधार पर कहा कि आम धारणा है कि लोगों और खासतौर पर युवाओं के बीच पढ़ने की आदत कम हो रही है वह गलत है क्योंकि पढ़ने के लिए लालसा पुस्तक प्रेमियों में गहराई तक अंतर्निहित है.
कुमार रमेन के तौर पर लोकप्रिय हैं. उन्होंने नयी दिल्ली पुस्तक मेला के अपने हालिया अनुभवों का उल्लेख करते हुए इस धारणा को भी खारिज कर दिया कि नोटबंदी की वजह से पुस्तकों की बिक्री प्रभावित हुई है.
कुमार ओड़िशा स्थित राउरकेला इस्पात संयंत्र में संचार प्रमुख के तौर पर कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि नेशनल बुक ट्रस्ट के आयोजकों ने उन्हें इस महीने की शुरूआत में पुस्तक मेला में आमंत्रित किया था ताकि बच्चों की दीर्घा में दो दिवसीय किस्सागोई सत्र का आयोजन किया जा सके.
उन्होंने कहा कि पुस्तक मेलों, साहित्यिक बैठकों और प्रदर्शनी में अपने अनुभवों के आधार पर कहा कि आम धारणा है कि लोगों और खासतौर पर युवाओं के बीच पढ़ने की आदत कम हो रही है वह गलत है क्योंकि पढ़ने के लिए लालसा पुस्तक प्रेमियों में गहराई तक अंतर्निहित है.
कुमार रमेन के तौर पर लोकप्रिय हैं. उन्होंने नयी दिल्ली पुस्तक मेला के अपने हालिया अनुभवों का उल्लेख करते हुए इस धारणा को भी खारिज कर दिया कि नोटबंदी की वजह से पुस्तकों की बिक्री प्रभावित हुई है.
कुमार ओड़िशा स्थित राउरकेला इस्पात संयंत्र में संचार प्रमुख के तौर पर कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि नेशनल बुक ट्रस्ट के आयोजकों ने उन्हें इस महीने की शुरूआत में पुस्तक मेला में आमंत्रित किया था ताकि बच्चों की दीर्घा में दो दिवसीय किस्सागोई सत्र का आयोजन किया जा सके.
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