नई दिल्ली:
विलियम डेलरिंपल, अशोक वाजपेयी और तसलीमा नसरीन जैसी साहित्यक हस्तियां आज से शुरू हुए दिल्ली साहित्य महोत्सव में भाग लेंगी. युवा लेखकों को अवसर प्रदान करने और साहित्य का प्रचार करने के उद्देश्य के साथ इस वार्षिक साहित्य महोत्सव ने 2013 में अपनी स्थापना के बाद से प्रसिद्धि पाई है. इसमें पुरस्कार विजेता लेखक, राजनेता, राजनयिक और प्रकाशक अपने दृष्टिकोण को साझा करते हैं.
तीन दिवसीय साहित्य महोत्सव में कविता पाठ, किताबों का लोकार्पण, पैनल सदस्यों के बीच चर्चा और परस्पर बातचीत सत्र जैसे कार्यक्रम होंगे.
महोत्सव का उद्घाटन आज हुआ, जिसमें दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल, सांसद मनोज तिवारी व मीनाक्षी लेखी, लेखक अशोक वाजपेयी और इंडियन पब्लिक लाइब्रेरी मूवमेंट व नासकॉम फाउंडेशन के सीईओ श्रीकांत सिन्हा शामिल हुए.
महोत्सव के उद्घाटन के बाद के सत्र में नोटबंदी के मुद्दे पर विचार होगा. इस सत्र का विषय 'विमुद्रीकरण प्रायोजन, कार्यान्वयन एवं प्रभाव' होगा.
महोत्सव के दूसरे दिन 'सार्वजनिक संस्थाएं और मौखिक ज्ञान को संरक्षित करने और बढ़ावा देने में उनकी भूमिका' और 'नेपाल के पहले अरबपति की प्रेरक कहानी' जैसे सत्र होंगे. हालांकि, सबकी निगाहें नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के संबोधन पर होंगी, जो 'ब्रांडिंग फॉर मेक इन इंडिया' विषय पर भाषण देंगे.
महोत्सव के तीसरे व अंतिम दिन विलियम डेलरिंपल अपनी हालिया किताब 'कोहिनूर' पर चर्चा करेंगे. जयपुर साहित्य महोत्सव में एक मुस्लिम समूह द्वारा विरोध का सामना करने वाली तसलीमा नसरीन भी इस महोत्सव में शामिल होंगी.
नसरीन यहां बरखा दत्त के साथ अपने विचार साझा करने के साथ ही अपने हालिया संस्मरण 'एक्जाइल' पर भी चर्चा करेंगी. महोत्सव के अंतिम दिन कनाडा के लेखक तारेक फतेह व हफिंग्टन पोस्ट इंडिया के मुख्य संपादक स्रुथिजीत केके 'राष्ट्रवाद का उदय, एक वैश्विक घटना' विषय पर चर्चा में शामिल होंगे.
दिल्ली साहित्य महोत्सव का आयोजन आईएनए मार्केट के सामने स्थित दिल्ली हाट में होगा. महोत्सव का समापन 12 फरवरी को होगा.
तीन दिवसीय साहित्य महोत्सव में कविता पाठ, किताबों का लोकार्पण, पैनल सदस्यों के बीच चर्चा और परस्पर बातचीत सत्र जैसे कार्यक्रम होंगे.
महोत्सव का उद्घाटन आज हुआ, जिसमें दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल, सांसद मनोज तिवारी व मीनाक्षी लेखी, लेखक अशोक वाजपेयी और इंडियन पब्लिक लाइब्रेरी मूवमेंट व नासकॉम फाउंडेशन के सीईओ श्रीकांत सिन्हा शामिल हुए.
महोत्सव के उद्घाटन के बाद के सत्र में नोटबंदी के मुद्दे पर विचार होगा. इस सत्र का विषय 'विमुद्रीकरण प्रायोजन, कार्यान्वयन एवं प्रभाव' होगा.
महोत्सव के दूसरे दिन 'सार्वजनिक संस्थाएं और मौखिक ज्ञान को संरक्षित करने और बढ़ावा देने में उनकी भूमिका' और 'नेपाल के पहले अरबपति की प्रेरक कहानी' जैसे सत्र होंगे. हालांकि, सबकी निगाहें नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के संबोधन पर होंगी, जो 'ब्रांडिंग फॉर मेक इन इंडिया' विषय पर भाषण देंगे.
महोत्सव के तीसरे व अंतिम दिन विलियम डेलरिंपल अपनी हालिया किताब 'कोहिनूर' पर चर्चा करेंगे. जयपुर साहित्य महोत्सव में एक मुस्लिम समूह द्वारा विरोध का सामना करने वाली तसलीमा नसरीन भी इस महोत्सव में शामिल होंगी.
नसरीन यहां बरखा दत्त के साथ अपने विचार साझा करने के साथ ही अपने हालिया संस्मरण 'एक्जाइल' पर भी चर्चा करेंगी. महोत्सव के अंतिम दिन कनाडा के लेखक तारेक फतेह व हफिंग्टन पोस्ट इंडिया के मुख्य संपादक स्रुथिजीत केके 'राष्ट्रवाद का उदय, एक वैश्विक घटना' विषय पर चर्चा में शामिल होंगे.
दिल्ली साहित्य महोत्सव का आयोजन आईएनए मार्केट के सामने स्थित दिल्ली हाट में होगा. महोत्सव का समापन 12 फरवरी को होगा.
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