
Parenting Tips: आजकल 2 साल के छोटे बच्चे भी मोबाइल हाथ में लिए नजर आते हैं और जैसे ही उनसे फोन लिया जाता है वे रोना शुरू कर देते हैं. लगातार मोबाइल इस्तेमाल करने से उनकी आंखों पर बुरा असर पड़ता है और उनकी सोचने-समझने की क्षमता भी प्रभावित होती है. लंबे समय तक स्क्रीन देखने के कारण वे एक ही जगह बैठे रहते हैं जिससे उनकी फिजिकल एक्टिविटी पर नेगेटिव इम्पैक्ट पड़ता है. कम उम्र में ही बच्चों में मोटापा, कम दिखना, चिड़चिड़ापन और तनाव जैसी प्रॉब्लम्स बढ़ रही हैं जिसका एक बड़ा कारण अधिक स्क्रीन टाइम है. माता-पिता अक्सर इस आदत (Mobile Addiction) को छुड़ाने के लिए गुस्सा करते हैं या सख्ती बरतते हैं, लेकिन यह सही उपाय नहीं है. इसके बजाय बच्चों को स्क्रीन से दूर रखने के लिए दूसरे तरीके अपनाएं. डॉक्टर अर्पित गुप्ता ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर स्क्रीन टाइम कम करने के उपाय बताए हैं.
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कैसे छुड़ाएं बच्चे की मोबाइल की लत
1. बच्चों को खेल-कूद सिखाएं: आजकल बच्चे ज्यादा समय मोबाइल या टीवी के सामने बिताते हैं जिससे उनकी फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती हैं. इसके बजाय उन्हें दौड़ने, कूदने, साइकिल चलाने, किताबें पढ़ने, ड्रॉइंग करने या म्यूजिक सीखने के लिए मोटिवेट करें. उन्हें बाहर खेलने ले जाएं या घर पर मजेदार खेल खिलाएं. खिलौने, पजल्स और बोर्ड गेम्स भी अच्छे ऑप्शन हैं. जब बच्चे एक्टिव रहेंगे और खेलने में मजा आएगा तो वे खुद ही स्क्रीन से दूर रहने लगेंगे और खुश भी रहेंगे.
2. बच्चों का एक रूटीन बनाएं: अगर बच्चे को पूरे दिन मोबाइल या टीवी देखने की छूट मिलेगी, तो बच्चा उसकी आदत बना लेगा. इसलिए उनके लिए खाने, खेलने, पढ़ाई और सोने का एक रूटीन रखें. जब बच्चे को पता होगा कि स्क्रीन देखने का एक लिमिटेड टाइम है, तो वे ज्यादा जिद नहीं करेंगे. इसके अलावा, स्क्रीन-फ्री एक्टिविटीज को मजेदार बनाएं, जैसे कहानी सुनाना, बागवानी करना या कोई नया खेल खेलना. धीरे-धीरे उनका ध्यान दूसरी चीजों में लगने लगेगा और वे स्क्रीन से दूर रहना सीखेंगे.
3. खुद बच्चों के लिए एक अच्छा उदाहरण बनें: बच्चे वही करते हैं जो वे अपने माता-पिता (Parents) को करते हुए देखते हैं. अगर आप खुद मोबाइल या टीवी में ज्यादा वक्त बिताएंगे, तो बच्चा भी वैसा ही करेगा. इसलिए, सबसे पहले अपने स्क्रीन टाइम को कम करें और अपने समय का सही इस्तेमाल करें. बच्चों के साथ खेलें, उनसे बातें करें और उनके साथ क्वालिटी टाइम बिताएं. जब वे देखेंगे कि आप बिना मोबाइल या टीवी के भी एन्जॉय कर सकते हैं, तो वे भी इसे अपनाएंगे.
4. स्क्रीन का इस्तेमाल सिर्फ सीखने के लिए करें: अगर बच्चे को स्क्रीन देखने देना जरूरी ही हो, तो उसे सिर्फ पढ़ाई या सीखने के लिए इस्तेमाल करें. नॉलेज वाले छोटे वीडियो, एजुकेशनल ऐप्स या ऑनलाइन क्लासेस को ही प्रायोरिटी दें. इससे स्क्रीन सिर्फ टाइमपास का जरिया नहीं बनेगा, बल्कि बच्चे को कुछ नया सीखने में भी मदद मिलेगी. साथ ही, ये भी जरूरी है कि माता-पिता खुद निगरानी करें कि बच्चा क्या देख रहा है. जब बच्चा स्क्रीन से कुछ अच्छा और नया सीखेगा, तो उसका ध्यान बेकार के कंटेंट से दूर रहेगा.
5. बच्चों को स्क्रीन से हटाने के लिए नए विकल्प दें: अक्सर बच्चे बोरियत की वजह से मोबाइल या टीवी देखने लगते हैं. ऐसे में, उन्हें कुछ और करने के लिए मोटिवेट करें. उन्हें ड्रॉइंग, पजल्स, किताबें पढ़ने या क्राफ्ट जैसी चीजों में व्यस्त रखें. उन्हें बाहर खेलने के लिए भेजें या दोस्तों के साथ मिलकर गेम्स खेलने को कहें. जब उनके पास करने के लिए मजेदार चीजें होंगी, तो वे खुद ही स्क्रीन से दूर रहेंगे.
6. स्क्रीन-फ्री जोन बनाएं: घर में कुछ जगहें तय करें जहां मोबाइल या टीवी का इस्तेमाल बिल्कुल न हो जैसे कि खाने की टेबल, बेडरूम और फैमिली टाइम के दौरान. खाने के समय मोबाइल देखने से ध्यान खाने पर नहीं रहता और परिवार के साथ बातचीत भी कम हो जाती है. इसी तरह, सोने से पहले स्क्रीन का इस्तेमाल करने से नींद पर असर पड़ता है. इसलिए, कुछ खास समय और जगहों पर स्क्रीन को पूरी तरह से बैन कर दें.
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