
6 Tips to Reverse Diabetes Naturally: डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जो तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रही है. इस बीमारी का फिलहाल कोई सटीक इलाज भी नहीं है. ऐसे में पीड़ित की जरा सी लापरवाही परेशानी को और बढ़ा सकती है. हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि सही लाइफस्टाइल और हेल्दी डाइट के साथ टाइप 1 डायबिटीज को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है, जबकि टाइप 2 डायबिटीज को रिवर्स भी किया जा सकता है. फिटनेस कोच अल्विन ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पेज पर एक पोस्ट शेयर की है. इस पोस्ट में अल्विन 6 ऐसे ही तरीके बताए हैं, जो नेचुरल तरीके से खासकर टाइप 2 डायबिटीज को रिवर्स करने में मदद कर सकते हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में-
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नंबर 1- विसरल फैट कम करें
शरीर के अंदरूनी अंगों के आसपास जमा फैट को विसरल फैट कहते हैं. फिटनेस कोच बताते हैं कि यह फैट ही इंसुलिन रेजिस्टेंस का मुख्य कारण होता है. एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, विसरल फैट कम करने से डायबिटीज में काफी हद तक सुधार हो सकता है. रिसर्च में 10–15 किलोग्राम वजन कम करने से 86% लोगों में डायबिटीज में सुधार देखा गया. ऐसे में सबसे पहले विसरल फैट कम करें.
क्या करें?- इसके लिए संतुलित कैलोरी डिफिसिट डाइट लें.
- डाइट में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाएं (1.5–2 ग्राम/किलोग्राम बॉडी वेट).
- साथ ही रोज कम से कम 30–45 मिनट तक वेट ट्रेनिंग और वॉकिंग करें.
फिटनेस कोच बताते हैं, डायबिटीज में सिर्फ मीठा कम करना काफी नहीं है. इससे अलग लो ग्लाइसेमिक लोड (GL) वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जो भोजन के बाद ब्लड शुगर स्पाइक को कम करते हैं और HbA1c में सुधार लाते हैं.
क्या खाएं और क्या न खाएं?- आप पालक, भिंडी, ब्रोकली जैसी नॉन-स्टार्ची सब्जियां खा सकते हैं.
- सेब, बेरी, संतरा जैसे फल खा सकते हैं.
- अंडे, दालें, टोफू, मछली, पनीर जैसे प्रोटीन रिच फूड खा सकते हैं.
- नट्स, बीज, एवोकाडो, घी जैसे अच्छे फैट्स ले सकते हैं.
- इससे अलग सफेद चावल, मैदा, चीनी, फ्रूट जूस, प्रोसेस्ड स्नैक्स और मिठाइयों से दूरी बनाएं.
भोजन के बाद 15 मिनट की वॉक ब्लड शुगर स्पाइक्स को कम करती है. इससे अलग फिटनेस कोच रोज 8,000–10,000 कदम चलने की सलाह देते हैं, साथ ही हफ्ते में 3 बार रेजिस्टेंस ट्रेनिंग को भी जरूरी बताते हैं.
नंबर 4- तनाव प्रबंधन और नींद में सुधारक्रॉनिक स्ट्रेस से कोर्टिसोल बढ़ता है, जिससे इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है. इससे अलग नींद की कमी भी ग्लूकोज कंट्रोल को प्रभावित करती है. इसलिए
रोजाना 7–8 घंटे की नींद लें, साथ ही स्ट्रेस को कम करने के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन करें.
अपने ब्लड शुगर पर निगरानी रखें, हफ्ते में एक बार फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज और HbA1c टेस्ट जरूर कराएं. इससे अलग कमर के फैट पर भी ध्यान दें. बता दें कि कमर की चर्बी कम होने से इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है.
नंबर 6- नेचुरल सप्लीमेंट्सइन सब से अलग आप डॉक्टर की सलाह के बाद कुछ नेचुरल सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं. जैसे- आप दालचीनी का सेवन बढ़ा सकते हैं. दालचीनी इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार कर सकती है.
फिटनेस कोच के मुताबिक, इन उपायों को अपनाकर टाइप 2 डायबिटीज को रिवर्स किया जा सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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