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भारत से फायर होने के बाद कितनी देर में पाकिस्तान पहुंच जाती है ब्रह्मोस मिसाइल? ये रहा जवाब

ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइलों में से एक है. इसकी स्पीड इतनी ज्यादा है कि कुछ ही मिनट में पाकिस्तान के किसी शहर में पहुंच सकती है. ब्रह्मोस लो-लेवल उड़ती है और सटीक निशाना लगाती है. इसे जमीन, हवा, समुद्र कहीं से लॉन्च किया जा सकता है.

भारत से फायर होने के बाद कितनी देर में पाकिस्तान पहुंच जाती है ब्रह्मोस मिसाइल? ये रहा जवाब
सियालकोट, दिल्ली से 513 किलोमीटर, अमृतसर से 100 किलोमीटर और जम्मू से मात्र 47 किलोमीटर दूर है.

BrahMos Missile India to Pakistan: भारत डिफेंस सेक्टर में दुनिया के सबसे मजबूत देशों में आता है. हमारे पास मौजूद सबसे खतरनाक और आधुनिक हथियारों में से एक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. यह मिसाइल अपनी स्पीड, एक्युरेसी और पावर के लिए जानी जाती है. जब भी भारत-पाकिस्तान तनाव की बात आती है, तो इस मिसाइल का नाम सबसे पहले लिया जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर इंडिया से ब्रह्मोस मिसाइल दागी जाए, तो पाकिस्तान तक पहुंचने में उसे कितना समय लगेगा. आइए जानते हैं इसका जवाब और ब्रह्मोस की कहानी...

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ब्रह्मोस मिसाइल क्या है

ब्रह्मोस भारत की सबसे भरोसेमंद और आधुनिक मिसाइलों में से एक है. इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि जमीन, समुद्र और हवा कहीं से भी दागा जा सकता है. यानी चाहे दुश्मन का ठिकाना कितनी ही दूरी पर क्यों न हो, ब्रह्मोस अपनी स्पीड और सटीकता से सीधे टारगेट को ध्वस्त कर सकती है. खास बात यह भी है कि यह मिसाइल हर मौसम और दिन-रात, दोनों समय बिना किसी रुकावट के काम करने में सक्षम है.

ब्रह्मोस क्यों है खास

ब्रह्मोस को खास बनाता है इसकी रफ्तार और मारक क्षमता. यह वर्तमान में भारत की सबसे तेज़ क्रूज मिसाइल है. इसकी पहली सफल टेस्टिंग 12 जून 2001 को हुई और तब से इसे लगातार एडवांस टेक्नोलॉजी से अपग्रेड किया जा रहा है. यह पूरी तरह मानवरहित है और हैवी पेलोड ले जाने में सक्षम है. यही वजह है कि इसे भारत की डिफेंस स्ट्रेंथ का सबसे अहम हथियार माना जाता है.

ब्रह्मोस कौन बनाता है

ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम को भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया ने मिलकर इसे तैयार किया. इसके लिए फरवरी 1998 में दोनों देशों के बीच एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर हुए, जिसके बाद इस संयुक्त प्रोजेक्ट की नींव रखी गई. इसी सहयोग से भारत को यह आधुनिक और घातक हथियार मिला, जिसने हमारी रक्षा क्षमता को कई गुना बढ़ा दिया.

ब्रह्मोस मिसाइल की स्पीड कितनी है

रिपोर्ट्स के अनुसार, आने वाली ब्रह्मोस-II मिसाइल मौजूदा वर्जन से कहीं ज्यादा तेज और ताकतवर होगी. इसकी स्पीड मैक 8 तक होगी, यानी ध्वनि की रफ्तार से करीब आठ गुना ज्यादा. इसे इस तरह डिजाइन किया जा रहा है कि यह करीब 1,500 किलोमीटर दूर तक दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर सके. वर्तमान में इस्तेमाल हो रही ब्रह्मोस मिसाइल की मैक्सिमम स्पीड करीब 3.5 मैक है और इसकी मारक क्षमता 290 से 800 किलोमीटर तक मानी जाती है. लेकिन ब्रह्मोस-II इससे भी आगे है. यह हाइपरसोनिक मिसाइल होगी. जहां सुपरसोनिक मिसाइलें 1 से 5 मैक की रफ्तार तक सीमित होती हैं, वहीं हाइपरसोनिक मिसाइलों की स्पीड 5 से 12 मैक के बीच होती है. मौजूदा ब्रह्मोस मिसाइल की रफ्तार मैक 3.5 (ध्वनि की गति से साढ़े तीन गुना ज्यादा) तक पहुंच सकती है. यह मिसाइल आसानी से 290 से लेकर 800 किलोमीटर तक के टारगेट को ध्वस्त करने की क्षमता रखती है.

भारत से पाकिस्तान की दूरी कितनी है?

1. पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद वाघा-अटारी बॉर्डर से करीब 250 किलोमीटर और कश्मीर से करीब 200 किलोमीटर दूर है.

2. कराची, पाकिस्तान के सिंध प्रांत की राजधानी, भारत के बॉर्डर से करीब 350 किलोमीटर दूर है.

3. सियालकोट, दिल्ली से 513 किलोमीटर, अमृतसर से 100 किलोमीटर और जम्मू से मात्र 47 किलोमीटर दूर है.

4. पेशावर वाघा बॉर्डर से 340 किलोमीटर और जम्मू-कश्मीर से 150 किलोमीटर दूर है.

5. रावलपिंडी, पाकिस्तान की सेना का मुख्यालय, एलओसी से 120 किलोमीटर और वाघा बॉर्डर से 250 किलोमीटर दूर है.

ब्रह्मोस मिसाइल को पाकिस्तान पहुंचने में कितना समय लगेगा

ब्रह्मोस मिसाइल दिल्ली से पाकिस्तान के ज्यादातर शहरों में कुछ सेकेंड्स से लेकर 10-12 मिनट तक में पहुंच सकती है. 9 मार्च 2022 को भारत के अंबाला से गलती से ब्रह्मोस मिसाइल छूट गई थी, जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मियां चन्नू में जाकर गिरी. यह मिसाइल करीब 40,000 फीट की ऊंचाई से पाकिस्तान के एयरस्पेस में करीब 100 किलोमीटर अंदर चली गई. गनीमत रही कि इसमें कोई हथियार नहीं था, इसलिए बड़ा नुकसान नहीं हुआ. पाकिस्तान ने इस घटना पर कड़ा विरोध जताया और भारत के कार्यकारी राजदूत को बुलाकर इसकी जांच की मांग की. भारतीय वायुसेना की रिपोर्ट के अनुसार, मिसाइल गलती से इसलिए फायर हुई क्योंकि लड़ाकू कनेक्टर 'जंक्शन बॉक्स' से जुड़े रह गए थे, जिससे ब्रह्मोस अनजाने में उड़ गई. पाकिस्तान एयर फोर्स के एयर वाइस मार्शल तारिक जिया के मुताबिक, ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में 124 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 3 मिनट 44 सेकंड में पूरी की.

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