पक्षियों में अगर सबसे ज्यादा डर किसी से लगता है तो वो चमगादड़ है. कहते हैं कि यह एक बार शरीर पर चिपक जाए तो छूटने का नाम नहीं लेते हैं. अब ये सच है या मिथक इसे फिर कभी जानेंगे. फिलहाल चमगादड़ के उल्टा लटकने का क्या राज है, इस पर बात करेंगे. अक्सर आपने देखा होगा कि चमगादड़ हमेशा उल्टे ही लटके रहते हैं और वो सोते भी ऐसे ही हैं. एक ना एक बार तो आपके दिमाग में ऐसा सवाल जरूर आया होगा कि पक्षियों में चमगादड़ ही ऐसा क्यों है, जो अपना हर काम उल्टा लटक कर ही करता है. अगर आज भी आपके पास इस सवाल का जवाब नहीं है, चिंता मत कीजिए, क्योंकि हम आपको इसके पीछे का कारण बताने जा रहे हैं.
चमगादड़ क्यों लटकते हैं उल्टे?
आपने ये भी नोटिस किया होगा कि चमगादड़ के इधर से उधर उड़ने की स्पीड कितनी तेज होती है. वो पलक झपकते ही हमारे सिर के ऊपर से निकल जाते हैं. यही वजह है कि वो उल्टा लटके रहते हैं, क्योंकि अन्य पक्षियों की तुलना में वो जमीन से सीधे नहीं उड़ सकते. वो अपने पंख में उड़ान भरने के लिए पेड़ से उल्टे लटके रहते हैं और फिर उड़ते वक्त तेजी से निकल जाते हैं. वो लटकते समय अपने पंजों की मदद से अपना पूरा वजन कंट्रोल करते हैं. चमगादड़ के उल्टा लटकने का एक फायदा ये भी है कि वो शिकार होने से बच जाते हैं. चमगादड़ ज्यादा ऊंचाई या सुनसान जगहों पर रहना पसंद करते हैं.
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यहां करते हैं बसेरा
शिकारी से खुद को सेफ रखने के लिए चमगादड़ ऊंचे-ऊंचे पेड़, खंडहर इमारतों, पुल के नीचे और गुफाओं में लटके रहते हैं. यहां शिकारियों का पहुंचना बहुत मुश्किल होता है. हमला होने पर वो अपने इन ठिकानों से तेजी से भाग निकलते हैं. उनका ब्लड सर्कुलेशन भी बहुत अच्छा होता है और उनके सिर में कोई दबाव भी नहीं रहता है. अपने छोटे शरीर के कारण वो काफी फुर्तीले और शातिर होते हैं. आपको बता दें, चमगादड़ को पक्षी की जाति का माना जाता है, लेकिन ये एक स्तनधारी जीव है, जो अंडे नहीं बल्कि बच्चे देता है. चमगादड़ अपने बच्चों को दूध भी पिलाती हैं.
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