शराब पीने के बाद अगली सुबह सिरदर्द, उलझन, मितली, थकान और चिड़चिड़ापन जैसी परेशानियां महसूस होना आम बात है, जिसे हम हैंगओवर कहते हैं. पार्टी या सेलिब्रेशन के दौरान कई लोग लिमिट से ज्यादा शराब पी लेते हैं. लेकिन असली परेशानी तब महसूस होती है जब रात की मस्ती सुबह तक शरीर पर भारी पड़ जाती है. शराब केवल दिमाग को प्रभावित नहीं करती, बल्कि शरीर के मेटाबॉलिज्म, नींद, डिहाइड्रेशन और हार्मोनल बैलेंस तक को प्रभावित करती है. यही कारण है कि शराब का असर खत्म होने के बाद भी उसका हैंगओवर अगले दिन तक बना रहता है.
क्या होता है हैंगओवर
हैंगओवर असल में शरीर की वो रिएक्शन है, जब वो शराब को तोड़ने और बाहर निकालने के लिए लगातार काम करता है. शरीर शराब को एसेटैल्डिहाइड नामक एक टॉक्सिक केमिकल में बदल देता है. जो सिरदर्द, कमजोरी और भारीपन बढ़ाता है. इसके साथ ही शराब बार-बार यूरिन का भी कारण बनती है. जिससे शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है और यही डिहाइड्रेशन सिरदर्द और थकान को और ज्यादा बढ़ा देता है.
कई अध्ययनों में ये भी पाया गया है कि शराब भले ही नींद लाने में मदद करती दिखे, लेकिन ये डीप स्लीप तक नहीं पहुंचने देती. जिस वजह से सुबह उठने पर दिमाग तरोताजा महसूस नहीं करता. कुछ लोगों में ब्लड शुगर भी गिर जाता है. जिससे कंपकंपी, कमजोरी और चक्कर की समस्या बढ़ जाती है.
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कब ज्यादा होता है हैंगओवर
हैंगओवर के दौरान दिमाग में पानी की कमी, हल्की सूजन और केमिकल चेंज, चिड़चिड़ापन तेज लाइट और तेज आवाज के प्रति सेंसिटिविटी बढ़ा देते हैं. खाली पेट शराब पीने से जोखिम और बढ़ जाता है. क्योंकि शरीर पर उसका प्रभाव तेजी से पड़ता है. डॉक्टर सलाह देते हैं कि शराब पीने के बीच पानी पीना, सीमित मात्रा में सेवन करना, पर्याप्त नींद लेना और खाने के बाद ही ड्रिंक लेना शरीर पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों को कुछ हद तक कम कर सकता है.
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