AI Girlfriend Dating Cafe: दुनिया तेजी से बदल रही है और अब रिश्तों की परिभाषा भी तकनीक के साथ नई दिशा ले रही है. न्यूयॉर्क सिटी में एक ऐसा कैफे खुला है जहां लोग अपनी AI गर्लफ्रेंड के साथ डेट पर जा सकते हैं. यह सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन यह जगह उन लोगों के लिए बनाया गया है जो असल दुनिया की डेटिंग से थक चुके हैं या जिन्हें सामाजिक झिझक परेशान करती है.
AI गर्लफ्रेंड के साथ डेट के लिए अनोखा कैफे
न्यूयॉर्क में खुला यह कैफे दुनिया का पहला ऐसा रेस्टोरेंट है जहां लोग अपनी AI पार्टनर के साथ डेट का अनुभव ले सकते हैं. अंदर का माहौल बिल्कुल रोमांटिक कैफे जैसा है, हल्की रोशनी, शांत संगीत और हर टेबल पर एक खास फोन स्टैंड. विज़िटर अपने फोन को स्टैंड पर रखकर स्क्रीन पर अपनी AI गर्लफ्रेंड से बात कर सकते हैं, उसकी आंखों में देख सकते हैं और साथ में खाना भी खा सकते हैं.
कैफे की खासियत जो इसे अलग बनाती हैं
इस कैफ़े में हर टेबल को इस तरह डिजाइन किया गया है कि AI पार्टनर के साथ बातचीत सहज लगे. फोन स्टैंड से लेकर लाइटिंग तक, सब कुछ इस तरह सेट है कि व्यक्ति को ऐसा महसूस हो जैसे वह किसी असली साथी के साथ बैठा हो. लोग यहां बिना किसी झिझक के अपने AI साथी से बात कर सकते हैं, हंस सकते हैं और अपनी भावनाएं साझा कर सकते हैं.
कैफे का असली मकसद क्या है?
यह जगह खास तौर पर उन लोगों के लिए बनाई गई है जिन्हें सोशल एंग्ज़ायटी होती है या जो असल डेटिंग में असहज महसूस करते हैं. यहां कोई जजमेंट नहीं, कोई दबाव नहीं. लोग अपने वर्चुअल साथी के साथ खुलकर बात कर सकते हैं. यह कॉन्सेप्ट 2013 की हॉलीवुड फिल्म Her की याद दिलाता है, जो अब 2025 में हकीकत बनता दिख रहा है.
EVA Café और AI रिलेशनशिप ऐप का कनेक्शन
यह कैफ़े EVA AI कंपनी के रिलेशनशिप ऐप पर आधारित है. यह ऐप कस्टमाइज़ेबल AI साथी देता है, जिनसे लोग चैट कर सकते हैं, भावनाएं साझा कर सकते हैं और वर्चुअल रिश्ता बना सकते हैं. कैफ़े उसी अनुभव को घर से निकालकर एक पब्लिक स्पेस में लाता है, जहां लोग अपने AI पार्टनर के साथ “डेट नाइट” एन्जॉय कर सकें.
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कैसे काम करता है यह पूरा अनुभव?
लोग EVA AI ऐप डाउनलोड करते हैं, फिर कैफ़े में रिजर्वेशन बुक करते हैं. इसके बाद वे अपने AI साथी के साथ टेबल पर बैठकर बातचीत कर सकते हैं, चाहे वह दिल की बात हो, फ्लर्टिंग हो या बस साथ में समय बिताना. यहां किसी इंसान से बातचीत करने की जरूरत नहीं होती और न ही यह स्पीड-डेटिंग जैसा माहौल है. मकसद सिर्फ अपने AI पार्टनर के साथ समय बिताना है.
AI रिश्तों की बढ़ती लोकप्रियता
कंपनी के अनुसार, 30 साल से कम उम्र के लगभग तीन में से एक पुरुष और चार में से एक महिला पहले ही AI साथियों के साथ “अर्थपूर्ण कनेक्शन” बना चुके हैं. लोग अपने राज, डर, भावनाएं और कहानियां AI से साझा करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यहां कोई जजमेंट नहीं है. अब यही रिश्ते ऑनलाइन से निकलकर ऑफलाइन स्पेस में आ रहे हैं.
AI से बात करना इंसानों से आसान क्यों लगता है?
बहुत से लोग AI से बात करते समय खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं. उन्हें डर नहीं होता कि कोई उनकी बात का मजाक उड़ाएगा या गलत समझेगा. AI को अपनी उलझनें, अधूरे विचार और डर बताना आसान लगता है क्योंकि वहां कोई सामाजिक दबाव नहीं होता. यही वजह है कि लोग AI के सामने ज्यादा ईमानदार और खुले होते हैं.
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