बिहार में तीसरे चरण का मतदान 28 अक्टूबर को होना है जिसमें 50 सीटों के उम्मीदवारों का भविष्य तय होना है लेकिन दिलचस्प बात है कि सबसे ज्यादा बाहुबली या फ़िर उनके रिश्तेदार इस चरण में खड़े हुए हैं। ये कहना गलत नहीं होगा कि ये लड़ाई बुलेट से बैलेट तक की है।
लालगंज से उम्मीदवार हैं बाहुबली मुन्ना शुक्ला। मुन्ना शुक्ला को डॉन का खिताब अपने बड़े भाई छोटन शुक्ला से विरासत में मिला। मुन्ना लालगंज से जेडीयू के उम्मीदवार हैं।
इनकी दबंगई की कहानिया यहां आम हैं। कोई बताता है कि मुन्ना जेल में डांस देखते थे, कोई कहता है कि नीतीश ने इस बार उन से डर कर उन्हें टिकट दिया है क्योंकि डर था कि कहीं लालगंज से मुन्ना निर्दलीय उम्मीदवार ना खड़े हो जाएं। मुन्ना शुक्ला का कहना है, 'मैं कभी किसी से टिकट मांगने नहीं गया, सब खुद दे देते हैं।'
मुन्ना शुक्ला का असली नाम है विजय कुमार शुक्ला। मुन्ना तीन बार विधायक रह चुके हैं और इस चुनाव में जेडीयू के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं।
मुन्ना की प्रारंभिक पढ़ाई गांव में ही हुई। उनकी पत्नी अनु शुक्ला विधायक हैं। मुन्ना शुक्ला पहली बार 2005 में लालगंज सीट से लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर विधायक बने। उसी साल अक्टूबर में दोबारा हुए चुनावों मुन्ना फिर विजयी रहे लेकिन इस पर जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर।
शुक्ला ने बाद में वैशाली लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव में भी किस्मत आजमाई लेकिन आरजेडी के रघुवंश प्रसाद सिंह से हार गए।
बाद में ब्रिज बिहारी प्रसाद की हत्या के मामले में दोषी पाए जाने के बाद उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई थी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं