झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) की तरफ से झारखंड के सभी 24 जिलों में शुक्रवार (23 अगस्त) को 'झारखण्डी अधिकार मार्च' निकालने का एलान किया गया है. पार्टी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि झारखंड के अधिकारों की मांग को लेकर यह मार्च निकाला जाएगा. जेएमएम (JMM) ने कहा है कि राज्य की जनता अपने अधिकारों को लेकर जाग गयी है. यही कारण है कि अधिकारों की मांग को लेकर सभी जिलें में लोग 'झारखण्डी अधिकार मार्च' पर निकलेंगे.
जेएमएम ने आरोप लगाया है कि गलत तरीके से राज्य के आदिवासी मुख्यमंत्री को फंसाने की साजिश रची गयी थी. जो अब जनता जान चुकी है. जारी बयान में कहा गया है कि राज्य की महागठबंधन सरकार झारखंडियों के हित में कई फैसले ले रही है.
जेएमएम ने पूर्ववर्ती सरकारों पर जनता को छलने का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले की सरकार सरना आदिवासी धर्मकोड, 1932 आधारित स्थानीय नीति, पिछड़ो को 27 प्रतिशत आरक्षण, नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अधिसूचना रद्द करने, वृद्धों को पेंशन देने, आदिवासी-मूलवासी को पहचान और हक अधिकार देने के नाम पर झारखंडियों से छल करती रही थी.
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