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This Article is From May 05, 2017

ऋषभ पंत के करियर की 5 बड़ी बातें, हरिद्वार से दिल्ली का सफर आसान नहीं रहा

ऋषभ पंत के करियर की 5 बड़ी बातें, हरिद्वार से दिल्ली का सफर आसान नहीं रहा
ऋषभ पंत के करियर से जुड़ी 5 खास बातें
नई दिल्ली: दिल्ली के लिए 97 रनों की शानदार पारी खेलने वाले ऋषभ पंत भारत के अगले सुपर-स्टार माने जाते हैं, लेकिन उनकी कामयाबी की कहानी इतनी आसान नहीं रही. हरिद्वार से लेकर दिल्ली तक का उनका सफर काफी मेहनत से भरा रहा. आइए जानते हैं, उनके करियर की 5 अहम बातें-

1) ऋषभ पंत 4 अक्टूबर 1997 में हरिद्वार में पैदा हुए. उनके पिता राजेन्द्र पंत का सपना था कि उनका बेटा देश के लिए क्रिकेट खेले और इसके लिए उन्होंने एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दिया. बेटे को बेहतर क्रिकेट सुविधा देने के लिए वे रुड़की आए पर किसी ने कहा कि दिल्ली से बेहतर आसपास कुछ नहीं. ऋषभ रात 2 बजे की बस पकड़ कर कभी-कभी दिल्ली आते थे. ताकि वह 8 बजे के अभ्यास सत्र के लिए राजधानी पहुंच सके. इस पूरे सफर के दौरान उनकी मां ने भी उनका अहम साथ दिया.

2) रोज़ 2 बजे उठकर दिल्ली आना नामुमकिन था, इसीलिए ऋषभ पंत दिल्ली आ गए जहां वह मशहूर सोनेट क्लब में खेलने पहुंचे. यहां उनकी मुलाकात तारक सिन्हा से हुई जो शिखर धवन सहित कई खिलाडियों के कोच रहे हैं. दिल्ली क्रिकेट संघ में चल रही राजनीति को देखते हुए तारक सिन्हा ने ऋषभ पंत को राजस्थान जाने को कहा और जहां उन्हें खेलने के ज्यादा मौके मिल सकते थे. पंत राजस्थान गए और वहां वह अंडर-14 और अंडर-16 क्रिकेट खेलने में कामयाब भी हुए, लेकिन एक बाहरी होने के कारण उन्हें अकादमी से बाहर कर दिया गया. 

3) ऋषभ फिर दिल्ली आए जहां कामयाब होने की भूख उनमें और तेज़ हो गई थी. वह भारत के लिए 2016 में अंडर-19 विश्व कप के लिए चुने गए. नेपाल के खिलाफ उन्होंने 18 गेंदों पर अर्धशतक ठोका जो अभी भी अंडर-19 क्रिकेट का सबसे तेज़ अर्धशतक है.  अगले ही मैच में उन्होंने नामिबिया के खिलाफ़ शतक जड़ दिया. इसी बीच IPL की नीलामी हुई और दिल्ली की टीम ने उन्हें 1.9 करोड़ की राशि में खरीदा.

4) 2016-17 के रणजी मुकाबलों के दौरान महाराष्ट्र के खिलाफ 308 रनों की हैरतंगेज़ पारी खेली. वसीम जाफ़र, अभिनव मुकुंद के बाद वे ऐसा करने वाले तीसरे युवा बल्लेबाज़ और सिर्फ़ दूसरे विकेट कीपर बने. दिल्ली के लिए यह रमन लांबा के 1994 में बनाए गए 312 रनों के बाद सबसे बड़ी पारी थी.

5) इसी सीजन में उन्होंने 48 गेंदों पर झारखंड के खिलाफ शतक बनाया जो रणजी इतिहास का सबसे तेज़ शतक है. इस दौरान उन्होंने पारी में 21 छक्के लगाए जो कि विश्व के किसी भी फर्स्ट क्लास क्रिकेट मुकाबले में दूसरा सर्वाधिक आंकड़ा है. न्यूज़ीलैंड के कॉलिन मॉनरो ऑकलैंड के लिए एक पारी में 23 छक्के मारने का विश्व रिकॉर्ड रखते हैं.

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