लेखक और विश्लेषक रुचिर शर्मा ने एनडीटीवी के डॉ. प्रणय रॉय से इस दशक (2020 का दशक) के 10 टॉप ट्रेंड्स (प्रमुख रुझानों) पर चर्चा की. चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि पिछला दशक (2010-19) अमेरिका का था और इन वर्षों में अमेरिका तमाम क्षेत्रों में हावी रहा और विश्व की अर्थव्यवस्था में उसका शेयर 25 प्रतिशत तक बढ़ा. उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था यानी ग्लोबल इकॉनमी में चीन के योगदान की भी चर्चा की, जो 9 से 16 तक बढ़ा. रुचिर शर्मा ने जो टॉप 10 ट्रेंड्स बताए, वो ये रहे.
- अमेरिका और ऊंचाई पर पहुंचेगा, दूसरे देश भी उभरेंगे.
- छोटी कंपनियों के फिर से अच्छे दिन आएंगे.
- बड़ी टेक्नॉलजी कंपनियों के दिन पूरे हो चुके हैं.
- घटते वैश्वीकरण से स्थानीयकरण यानी लोकलाइजेशन का रास्ता बनेगा.
- घटती जनसंख्या वृद्धि दर की वजह से विकास दर होगी प्रभावित.
- नई पीढ़ी के हिसाब से नई उपभोग शैली भी नजर आएगी.
- ध्रुवीकरण का असर कम होगा, स्थिति और खराब नहीं होगी.
- मुद्रास्फीति की दरों में बढ़ोतरी हो सकती है.
- 5th स्टेट यानी गैर परंपरागत मीडिया का होगा बोलबाला.
- नैतिक पूंजीवाद का और विकास होगा.
अमेरिका एक वित्तीय महाशक्ति के रूप में दुनिया पर हावी रहा है. विश्व में इसके शेयर बाजार की हिस्सेदारी 256 फीसदी तक बढ़ गई है. पूरे यूरोप का हिस्सा 72 फीसदी है, जबकि चीन का हिस्सा 72 फीसदी है.
हर दशक किसी न किसी देश का होता है. 50 के दशक में, युद्ध के बाद का यूरोप सबसे बड़ा आर्थिक विजेता था. 60 का दशक अमेरिका का था. अमेरिका 90 के दशक में भी व्यापक रूप से लाभान्वित हुआ. सदी के पहले दशक में उभरते बाजारों का उदय हुआ.
अगले दशक में अमेरिका शिखर पर पहुंच जाएगा.
Trend 2: नई बड़ी कंपनियों का उदय
बड़ी कंपनियां और बड़ी हुईं, उनकी बाजार हिस्सेदारी 9 प्रतिशत से बढ़कर 14 प्रतिशत हो गई.
पिछले दशक में शीर्ष 10 स्टॉक में 2100 फीसदी की भारी वृद्धि हुई. वही स्टॉक अगले दशक में केवल 65 फीसदी ही बढ़ेंगे.
अमेरिका में छोटी कंपनियां फिर से उभरेंगी. भारत में, पिछले दशक में, छोटी कंपनियों में 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि बड़ी कंपनियों में 115 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
अगले दशक में नई बड़ी कंपनियों के उभरने की संभावना है. छोटी फर्मों को भी लाभ मिल सकता है.
Trend 3: टेक कंपनियों का रहेगा बोलबाला
पिछले एक दशक में, प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयरों में 325 प्रतिशत की बढ़त हुई और कमोडिटी स्टॉक केवल 30 प्रतिशत बढ़ा.
अगले दशक में बड़ी टेक फर्मों की संभावित गिरावट देखी जाएगी. तकनीक भविष्य है लेकिन वर्चस्व बदल सकता है.
Trend 4: वैश्वीकरण की गिरावट
पिछले दशक में, वैश्विक व्यापार चरम पर था. दुनिया अब डी-ग्लोबलाइजेशन की ओर बढ़ रही है.
पिछले दशक में, भारत ने स्थानीय रूप से निर्मित प्राकृतिक उत्पादों के बाजार में हिस्सेदारी में बड़ी वृद्धि देखी है.
लोगों की बढ़ती संख्या बड़े ब्रांडों पर भरोसा नहीं करती है. अविश्वास के पीछे राष्ट्रवाद एक कारण है.
डी-ग्लोबलाइजेशन ने स्थानीयकरण के लिए रास्ता बनाया है.
Trend 5: जनसंख्या की धीमी वृद्धि
कामकाजी उम्र की आबादी की विकास दर में बड़ी गिरावट है.
भारत में कार्यशील जनसंख्या वृद्धि दर भी घट रही है.
कई देशों में कामकाजी आबादी गिर रही है. चीन, जर्मनी जैसे देश कार्यशील जनसंख्या वृद्धि में गिरावट देख रहे हैं.
कार्यशील जनसंख्या वृद्धि की धीमी दर और आर्थिक विकास दर एक तरह से जुड़े हैं. कम श्रमिकों का अर्थ है धीमी आर्थिक वृद्धि.
भारत दुनिया के आर्थिक विकास की सूची में कई पायदान नीचे खिसक गया है. भारत, जो 2010 में दुनिया में 14वें स्थान पर था, 2019 में 44वें स्थान पर रहा.
अगले दशक में, धीमी वृद्धि वाले विश्व की उम्मीद करनी चाहिए.
Trend 6: नई पीढ़ी और बाजार की नई जरूरतें
नई पीढ़ी के उदय ने उपभोक्ता प्रवृत्तियों को फिर से परिभाषित किया है. लोग अब अनुभवों पर खर्च कर रहे हैं. उपभोक्ता खर्च में एक वैश्विक परिवर्तन है.
दुनिया का एक पसंदीदा शगल है. खेल उद्योग ने बड़े पैमाने पर बाजार में वृद्धि दर्ज की है.
समय बिताने के अन्य साधनों की तुलना में गेमिंग पर अधिक पैसा खर्च किया जा रहा है. गेमिंग इंडस्ट्री के लिए प्रति यूजर रेवेन्यू सबसे ज्यादा है.
भारत में गेमिंग उद्योग में भी बड़ा उछाल है. गेमिंग कंपनियों की संख्या जो 2010 में 25 थी वो बढ़कर 2019 में 275 हो गई.
भारत में गेम डाउनलोड की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है.
अगले दशक में, नई पीढ़ी में नई खपत की आदतें होंगी. मनोरंजन गतिविधि के रूप में गेमिंग, फिल्मों और संगीत से आगे बढ़ेगा.
Trend 7: शीर्ष पर होगा ध्रुवीकरण
दशक भर में लोकवादी पार्टियों का वोट शेयर बढ़ा है.
यहां एक झलक मिलती है कि कैसे जनवाद वोटिंग पैटर्न को निर्धारित करने में भूमिका निभाते हैं.
ध्रुवीकरण में वृद्धि का मतलब है राजनीतिक नेताओं को अब कट्टर लोकप्रिय समर्थन हासिल है.
अगले दशक में एक ऐसी बंटी हुई दुनिया दिखाई देगी, जो पहले कभी नहीं देखी गई थी. लेकिन ध्रुवीकरण अपने चरम पर पहुंचने की संभावना है.
Trend 8: मुद्रास्फीति की वापसी
पिछले दशक में 800 वर्षों में सबसे कम ब्याज दर देखी गई.
पिछले दशक में, दुनिया और भारत ने कम मुद्रास्फीति का अनुभव किया. वैश्विक मुद्रास्फीति की सूची में भारत 145 वें स्थान पर है.
वैश्विक बेरोजगारी दर बहुत कम है. उत्पादकता वृद्धि भी कम है.
Trend 9: 5th स्टेट यानी गैर परंपरागत मीडिया (online) का होगा बोलबाला
खबरों की खपत का पैटर्न बदल गया है. अखबारों और टीवी से लोग अब कम से कम खबरें ले रहे हैं.
अमेरिका में खबरों के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है.
35 वर्ष से कम आयु के 56 प्रतिशत भारतीय खबरों के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं.
समाचार उपभोग के लिए ट्विटर एक प्रमुख मंच के रूप में उभरा है.
Trend 10: नैतिक पूंजीवाद का उदय
पिछले दशक में आर्थिक असमानता कई गुना बढ़ गई है.
भारत में भी अरबपतियों की संख्या में वृद्धि हुई है.
अधिक समानता की मांग बढ़ रही है.
भारत में 81 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि कॉर्पोरेट सामाजिक परिवर्तन के लिए काम करें.
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