अडानी समूह और चीन की कंपनी के साथ महाराष्ट्र राज्य के बीच समझौता ज्ञापन को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की गई है. इसमें चीन के साथ व्यापार नीतियों का खुलासा करने के लिए सरकार से दिशा-निर्देश भी मांगे गए हैं. यह याचिका जम्मू-कश्मीर निवासी महिला एडवोकेट सुप्रिया पंडित ने दायर की है जिसमें अडानी समूह (Adani Group), केन्द्र सरकार, गुजरात सरकार व महाराष्ट्र सरकार को प्रतिवादी बनाया गया है. याचिका में सुप्रीम कोर्ट से माँग की गई है कि वह चीन के साथ हुए इस बिज़नेस डील को रद्द करने का आदेश जारी करे क्योंकि हाल ही में भारत-चीन सीमा पर हमारे सैनिकों की शहादत के मद्देनज़र केन्द्र सरकार ने चीन के 59 मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगाया है जिसका भारतवासियों ने स्वागत किया है. इसमें कहा गया है कि दूसरी तरफ़ केन्द्र सरकार कुछ ख़ास बिज़नेस समूह और कुछ राज्य सरकार को चीन की कंपनियों के साथ बिज़नेस डील करने की मंज़ूरी दे रही है जिससे देश में ग़लत संदेश जाएगा और हिन्दुस्तानियों की भावनाओं के साथ मज़ाक़ होगा.
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की हिंसक झड़प (Ladakh Clash) के बाद दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हैं. इस संघर्ष भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे. झड़प में चीनी पक्ष के करीब 45 सैनिकों के मारे जाने या बुरी तरह से घायल होने की खबर सामने आई थी. जानकारी के अनुसार, लद्दाख में हिंसक झड़प उस समय शुरू हुई थी जब भारतीय सैनिक सीमा के भारत की तरफ चीनी सैनिकों द्वारा लगाए गए टेंट को हटाने गए थे. चीन ने 6 जून को दोनों पक्षों के लेफ्टिनेंट जनरल-रैंक के अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद इस टेंट को हटाने पर सहमति जताई थी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं