नई दिल्ली:
दिल्ली में रहने वाली राधिका पी सिंह का फेसबुक पर डाला एक पोस्ट खासा वायरल हो रखा है और आठ घंटों के अंदर इसे 5400 बार शेयर किया जा चुका है। इस पोस्ट में उन्होंने दिल्ली के कनॉट प्लेस में अपनी मित्र की आपबीती बयां की है, जब 'दिनदहाड़े एक शख्स सरेआम उन्हें चूमने की कोशिश करता' है।
राधिका बताती हैं कि उनकी दोस्त ने उस शख्स को रोका और उस पर चिल्लाना शुरू कर दिया। उसकी आवाज़ कुछ दूसरे राहगीर भी वहां पहुंच गए और उसे पकड़ने में मदद की। इसके साथ ही वह कहती हैं कि यहां पुलिस को बुलाना उनकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई, जो 40 मिनट बाद वहां पहुंची (इतने वक्त तक उनकी दोस्त उसे पकड़ी रहीं।) वह कहती हैं, 'इतनी देर इंतजार के बाद पुलिस आई तब उस शख्स को वैन के अंदर ले गई और उससे बात की (अब मुझे पता है कि उन्होंने क्या बात की होगी!)
राधिका ने अपनी पोस्ट में उस शख्स का नाम और तस्वीर भी डाला है, लेकिन एनडीटीवी के पास इस घटना को लेकर उस शख्स का पक्ष नहीं है, इसलिए हम उसकी तस्वीर या नाम का उपयोग नहीं कर रहे।
इस ब्लॉग में राधिका में इस घटना को लेकर पुलिस के गैरजिम्मेदाराना रवैये पर सवाल उठाया है। वह कहती हैं कि एक पुलिस अधिकारी ने तो यह तक कह दिया कि 'किसी लड़की का महज चुंबन लेना उत्पीड़न नहीं है।'
अपने फेसबुक पोस्ट में वह कहती हैं, 'ऐसा महसूस हो रहा था कि हम अपराधी है और वह पीड़ित।' इसके साथ ही वह कहती हैं, 'मेरी दोस्त इस घटना को लेकर डरी हई और शर्मिंदा भी थी, क्योंकि वह खड़े होकर 'तमाशा' देख रहे तमाम लोगों को लगा कि हम मामूल सी बात को तूल दे रहे हैं।'
अपने पोस्ट के अंत में राधिका पूछती हैं, 'मैं क्यों इस उजाड़ जगह पर अपनी बच्चियों को ला रही हूं?'
राधिका बताती हैं कि उनकी दोस्त ने उस शख्स को रोका और उस पर चिल्लाना शुरू कर दिया। उसकी आवाज़ कुछ दूसरे राहगीर भी वहां पहुंच गए और उसे पकड़ने में मदद की। इसके साथ ही वह कहती हैं कि यहां पुलिस को बुलाना उनकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई, जो 40 मिनट बाद वहां पहुंची (इतने वक्त तक उनकी दोस्त उसे पकड़ी रहीं।) वह कहती हैं, 'इतनी देर इंतजार के बाद पुलिस आई तब उस शख्स को वैन के अंदर ले गई और उससे बात की (अब मुझे पता है कि उन्होंने क्या बात की होगी!)
राधिका ने अपनी पोस्ट में उस शख्स का नाम और तस्वीर भी डाला है, लेकिन एनडीटीवी के पास इस घटना को लेकर उस शख्स का पक्ष नहीं है, इसलिए हम उसकी तस्वीर या नाम का उपयोग नहीं कर रहे।
इस ब्लॉग में राधिका में इस घटना को लेकर पुलिस के गैरजिम्मेदाराना रवैये पर सवाल उठाया है। वह कहती हैं कि एक पुलिस अधिकारी ने तो यह तक कह दिया कि 'किसी लड़की का महज चुंबन लेना उत्पीड़न नहीं है।'
अपने फेसबुक पोस्ट में वह कहती हैं, 'ऐसा महसूस हो रहा था कि हम अपराधी है और वह पीड़ित।' इसके साथ ही वह कहती हैं, 'मेरी दोस्त इस घटना को लेकर डरी हई और शर्मिंदा भी थी, क्योंकि वह खड़े होकर 'तमाशा' देख रहे तमाम लोगों को लगा कि हम मामूल सी बात को तूल दे रहे हैं।'
अपने पोस्ट के अंत में राधिका पूछती हैं, 'मैं क्यों इस उजाड़ जगह पर अपनी बच्चियों को ला रही हूं?'
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