भूस्खलन से बंद हुए बद्रीनाथ हाइवे को खोल दिया गया है. इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि बद्रीनाथ हाइवे से मलबा हटाने वाले आज सुबह तब बाल-बाल बच गए, जब पहाड़ से पत्थर गिर रहे थे. चट्टानों को नीचे गिरते देख कर्मचारी तेजी से नीचे उतरे और वक्त रहते सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए. जिससे एक बड़ा हादसा टल गया. बद्रीनाथ तीर्थस्थल को जोड़ने वाला बद्रीनाथ नेशनल हाइवे चमोली में दो बड़े भूस्खलन के बाद 48 घंटे से अधिक समय से बंद रहा, जिससे हजारों यात्री फंस हुए थे.
पातालगंगा में भूस्खलन से बंद हो गया था हाइवे
पातालगंगा में भूस्खलन के कारण बुधवार को बद्रीनाथ राष्ट्रीय हाइवे पर एक सुरंग के मुहाने पर मलबा जमा हो गया. इससे सुरंग के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए और आगे का रास्ता बंद हो गया. आज सुबह पातालगंगा में राजमार्ग को साफ करके खोल दिया गया, लेकिन जोशीमठ के पास यह अभी भी बंद है, जहां भूस्खलन के कारण पातालगंगा लंगसी सुरंग अवरुद्ध हो गई थी. चमोली के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) हिमांशु खुराना ने कल एएनआई को बताया, "बद्रीनाथ राजमार्ग 07 जोशीमठ के भनेरपानी में सड़क पर पहाड़ी से भारी मलबा गिरने के कारण अवरुद्ध है." हालांकि, यात्री पैदल ही रास्ते से गुजर सकते हैं.
भूस्खलन के कारण उत्तराखंड में कई प्रमुख रास्ते बंद
राज्य पुलिस द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में आपदा प्रतिक्रिया बल के कर्मियों को यात्रियों को सड़क पार करने में मदद करते हुए दिखाया गया है. भूस्खलन के कारण बद्रीनाथ, जोशीमठ, नीति, माना, तपोवन, मलारी, लता, रैनी, पांडुकेश्वर और हेमकुंड साहिब से संपर्क टूट गया. बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब की ओर जाने वाले या वहां से लौटने वाले 2,000 से अधिक यात्री और तीर्थयात्री राजमार्ग पर फंसे हुए हैं. जोशीमठ में सड़क साफ कर रहे बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) ने मलबा हटाने के लिए 241 खुदाई करने वाली मशीनें लगाई हैं. बारिश और भूस्खलन के कारण उत्तराखंड में कुल 260 से ज़्यादा सड़कें बंद हैं. पांच ज़िलों में भारी बारिश के अलर्ट के मद्देनज़र चारधाम यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.
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