नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को लेकर असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच संसद ने बुधवार को इस विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी. राज्यसभा ने बुधवार को विस्तृत चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित कर दिया. सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने के विपक्ष के प्रस्ताव और संशोधनों को खारिज कर दिया. विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े जबकि 99 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया. लोकसभा में बिल के समर्थन में वोट करने वाली शिवसेना ने राज्यसभा में वोट से बायकॉट किया, इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बिल को लेकर शिवसेना के रुख़ पर नाराज़गी जता चुकी थीं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या आने वाले दिनों में इसका असर महाराष्ट्र के गठबंधन पर होगा.
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नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) पास होने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि ये भारतीय संविधान के इतिहास के लिए काला दिन है. यह उस भारत की सोच को चुनौती है जिसके लिए राष्ट्र निर्माता लड़े. अब अशांत, विकृत और विभाजित भारत बनेगा जहां धर्म होगी राष्ट्रीयता की पहचान. दूसरी तरफ, विधेयक के संसद में पारित होने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारत और इसके करुणा तथा भाईचारे के मूल्यों के लिए ऐतिहासिक दिन करार दिया. उन्होंने ट्वीट किया कि विधेयक ‘वर्षों तक पीड़ा झेलने वाले अनेक लोगों के कष्टों को दूर करेगा.'
मोदी ने राज्यसभा में विधेयक का समर्थन करने वाले सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया. गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया कि नागरिकता संशोधन विधेयक पूरी तरह से संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप है तथा इसमें ‘‘किसी की नागरिकता लेने नहीं, देने'' का प्रावधान है इसलिए देश के मुस्लिम नागरिकों को इससे डरने की जरूरत नहीं है. बता दें कि कैब को संसद द्वारा मंजूरी प्रदान किए जाने के बीच इसे लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर असम के गुवाहाटी में बुधवार को अनिश्चिकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है, जबकि त्रिपुरा में असम राइफल्स के जवानों को तैनात कर दिया गया है. पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों से भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन की खबरें है.
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